हैलो दोस्तों आज की पोस्ट में हम Magnetic Disk के बारे में पढ़ने वाले है तो आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।
मैग्नेटिक डिस्क क्या होता है (What is Magnetic Disk In Hindi)
मैग्नेटिक डिस्क एक तरह का non- volatile storage डिवाइस है, जिसमे हम डेटा को काफी लंबे समय तक स्टोर करके रख सकते है रखने की सीमा तय नही है जब तक चाहे तब तक डेटा स्टोर करके रख सकते है। Magnetic disk एक बहुत ही टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बहुत ही पॉपुलर स्टोरेज मीडिया है जिसका प्रयोग कंप्यूटर में सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस के रूप में किया जाता है।
Magnetic disk में एक गोलाकार प्लैटर होता है, Compact disc के समान दिखाई देता हैं, और हर प्लैटर का व्यास 1.8 से 5.25 इंच तक होता है एवं सभी प्लैटर की सतह circular tracks में बंटा हुआ रहता है, जिसे आगे सेक्टर्स में विभाजित किया जाता है। प्लैटर की ऊपरी एवं निचली सतह magnetic material से कवर रहता है, जिससे प्लैटर के दोनों साइड इनफार्मेशन को हम आसानी से स्टोर कर सकते है।
Magnetic disk में बहुत सारे प्लेटर्स होता है जो एक दूसरे के ऊपर व्यवस्थित रूप से मौजूद होते हैं एवं सभी प्लेटर्स में एक read-write head होता है जो की उन प्लेटर्स को घुमाने में मदद करता है, यह रीड राइट हेड जो कि सभी प्लैटर की सतह पर चलता है वह सभी डिस्क आर्म से जुड़े हुए रहता है।q
एक मैग्नेटिक डिस्क, जिसे चुंबकीय डिस्क के रूप में भी जाना जाता है, एक द्वितीयक भंडारण उपकरण यानी सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है जो डेटा को रीड, रीराइट और एक्सेस करने के लिए चुंबकीयकरण प्रक्रिया (मैग्नेटाइजेशन प्रोसेस) का उपयोग करता है। चुम्बकीय कोटिंग से मैग्नेटिक डिस्क को कवर किया जाता है। यह डेटा को ट्रैक, स्पॉट और सेक्टर के रूप में संग्रहीत करता है।
रैम की तुलना में मैग्नेटिक डिस्क की कीमत कम होती है और यह ज्यादा मात्रा में डाटा स्टोर भी कर सकती है। लेकिन एक सेकेंडरी मेमोरी होने के कारण इसमें डाटा एक्सेस रेट मुख्य मेमोरी की तुलना में धीमी होती है।
मैग्नेटिक डिस्क अर्थ क्या हैं (Meaning of Magnetic Disk)
मैग्नेटिक डिस्क एक डायरेक्ट एक्सेस सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस होता है, तथा यह एक पतली प्लास्टिक या धात्विक परिपत्र प्लेट से बना हुआ दिखाई देता है जिसे हम मैग्नेटिक ऑक्साइड के साथ लेयरिंग किया जाता है तथा इसे एक सुरक्षित आवरण में रखा जाता है ,ताकि किसी तरह का डैमेज न हो।
मैग्नेटिक डिस्क में डेटा मैग्नेटिक स्पॉट के रूप में स्टोर एवं सुरक्षित किया जाता है ताकि डेटा व्यवस्थित रूप में रहे। एक मैग्नेटिकस्थान की प्रेजेंट होना बिट 1 का प्रतिनिधित्व करता है एवं इसकी अनुपस्थिति बिट 0 का प्रतिनिधित्व करता है।
मैग्नेटिक डिस्क एक घूर्णन योग्य स्टोरेज स्टोरेज मेडियम होता हैं, जो कि समान्यतः मैग्नेटिक मटेरियल के साथ दोनों तरफ लेयरिंग हुए एक गोलाकार नॉन-मैग्नेटिक प्लेट के रूप में व्यवस्थित होता है, और इसके बाद किसी न किसी रूप में चिकनाई की परत जमी होती है।
मैग्नेटिक डिस्क के प्रकार (Types Of Magnetic Disk In Hindi)
मैग्नेटिक डिस्क मुख्यतः चार प्रकार की होती है –
- हार्ड डिस्क (Hard Disk)
- फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
- ज़िप डिस्क (Zip Disk)
- मैग्नेटिक टैप (Magnetic Tape)
1. हार्ड डिस्क Hard Disk)
हार्ड डिस्क कंप्यूटर में एक सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है जिसमें डेटा स्टोर किया जाता है। हार्ड डिस्क मैग्नेटिक डिस्क का एक प्रकार है, यह भी नॉन वोलेटाइल मेमोरी होती है। इसमें पॉवर सप्लाई बंद होने पर भी डेटा नष्ट नहीं होता है।
डेटा हार्ड डिस्क में तब तक रहता है जब तक कि उपयोगकर्ता जानबूझकर इसे हटा नहीं देता। हार्ड डिस्क में काफी मात्रा में डाटा स्टोर किया जा सकता है। हार्ड डिस्क की स्टोरेज क्षमता 20 टीबी तक हो सकती है। हार्ड डिस्क को चलाने के लिए एक ड्राइवर होता है जिसे HDD (हार्ड डिस्क ड्राइव) कहते हैं।
Hard Disk 2 तरह की होती है
- Internal Hard Disk
- External Hard Disk
1.Internal Hard Disk – Internal Hard Disk ज्यादातर सभी कंप्यूटर के अंदर की ओर लगाई जाती है इसलिए इसे Internal Hard Disk कहते है। Internal Hard Disk की मदद से हम अपने कंप्यूटर में Software या Operating System को इनस्टॉल करते है।
2. External Hard Disk – External Hard Disk को कंप्यूटर के बाहर Pen Drive की तरह लगाया जाता है। External Hard Disk का साइज Pen Drive से बड़ा होता है।
2. फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
फ्लॉपी डिस्क सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है। फ्लॉपी डिस्क मैग्नेटिक डिस्क का एक प्रकार है। जिसका उपयोग डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता बहुत कम होती है। फ्लॉपी डिस्क की भंडारण क्षमता उसके आकार पर निर्भर करती है।
बाजार में 3 अलग – अलग प्रकार की फ्लॉपी डिस्क उपलब्ध हैं, जिनमें से 8 इंच की फ्लॉपी डिस्क की भंडारण क्षमता 80KB, 5.25 इंच की फ्लॉपी डिस्क की भंडारण क्षमता 800KB और 3.5 इंच की फ्लॉपी डिस्क की भंडारण क्षमता 1.44MB है। फ्लॉपी डिस्क का वर्तमान समय में बहुत कम इस्तेमाल किया जाता है। फ्लॉपी डिस्क के लिए डिस्क ड्राइव को फ्लॉपी ड्राइवर कहा जाता है।
Hard Disk के मुकाबले Floppy Disk Portable होती है इस वजह से इसे एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है।
3. जिप डिस्क (Zip Disk)
जिप डिस्क भी एक सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है जो फ्लॉपी डिस्क से थोड़ी उन्नत है। जिप डिस्क की भंडारण क्षमता 100 एमबी से लेकर 250 एमबी तक होती है। जिप ड्राइव का इस्तेमाल जिप डिस्क को चलाने के लिए किया जाता है। वर्तमान समय में जिप डिस्क का प्रयोग बहुत कम होता है।
4. मैग्नेटिक टैप
Magnetic Tape एक पतली और लंबी प्लास्टिक की पट्टी से बनी होती है। जिस पर चुम्बकीय परत चढ़ाई जाती है और उस परत पर डाटा को सेव किया जाता है जिसे पढ़ने के लिए आपको उस टेप को एक कुंडली में भेजना होता है, जो एक प्रकिया से उस टेप पर उपस्थित डाटा को डिकोड कर देता है।
इस टेप का उपयोग कंप्यूटर के डाटा को स्टोर करने में भी किया जाता था। हार्ड डिस्क ड्राइव के आविष्कार से पहले हार्ड डिस्क के आने के बाद इसका इस्तेमाल पूरी तरह बंद हो गया।
अक्सर यूजर्स कमेंट सेक्शन में हमसे पूछते हैं, कि Magnetic Disc Ko Samjhaie या Magnetic Disk Ki Vyakhya Kijiye इसलिए आपके इन प्रश्नों के जवाब आज मैंने इस लेख में आपको बहुत ही आसान और सरल शब्दों में समझाए हैं, उम्मीद है कि आप समझ गये होंगे कि Magnetic Disk In Computer In Hindi क्या होता है।
मैग्नेटिक डिस्क का उपयोग
- मैग्नेटिक डिस्क का उपयोग आज के समय मे निम्न तरह से होता है-
- मैग्नेटिक डिस्क का उपयोग कंप्यूटर में होता है।
- इसका प्रयोग मुख्यतः द्वितीय मेमोरी के लिए करते है।
- मैग्नेटिक डिस्क का उपयोग डेटा स्टोर करने के लिए किया जाता है।
मैग्नेटिक डिस्क के फायदे
मैग्नेटिक डिस्क के फायदे निम्न है
- मैग्नेटिक डिस्क एक ऐसे खोल से बंद होती है जिसमे धूल के कण भी नहीं जा पाते है।
- Magnetic Disk में से किसी खास डिस्क पार्ट से डाटा को प्राप्त करने के लिए उसे आगे पीछे किया जा सकता है।
- इस डिस्क के केंद्र पर एक हब लगाया जाता है जिसकी मदद से स्टैपर मोटर डिस्क को घुमाती है।
- मैग्नेटिक हार्ड डिस्क बहुत आसानी से CPU से कनेक्ट हो जाती है।
- Magnetic Disk में Store किये गए डाटा को यूज़र्स द्वारा किसी भी समय Read, Rewrite या Access किया जा सकता है।
- मैग्नेटिक डिस्क के अंदर Online और Offline दोनों तरह के डाटा को स्टोर किया जा सकता है क्यूंकि ये डिस्क दोनों तरह के डाटा को स्टोर करने के लिए Suitable है।
- Magnetic Device एक Portable Device है इसलिए आप इसे एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जा सकते है।
मैग्नेटिक डिस्क के नुकसान
मैग्नेटिक डिस्क के नुकसान निम्न है-
- डाटा को शेयर करते समय सिक्योरिटी देने में प्रॉब्लम आती है.
- इसमें कुछ ऐसे मैग्नेटिक डिस्क भी होते है जैसे- विन्चेस्टर डिस्क (Winchester disk) जिन्हें यहाँ से वहां ले जाना आसान नही होता है अर्थात् पोर्टेबल नही होते है.
- मैग्नेटिक डिस्क की cost-per-bit लो होती है लेकिन मैग्नेटिक टेप की cost-per-bit इससे भी लो होती है.
- इसका यूज ज्यादातर सेकंड्री स्टोरेज डिवाइसेस के लिए किया जाता है कि उसमे स्टोर किया जाने वाला डाटा डस्ट-फ्री एनवायरनमेंट में स्टोर हो.
- ये डाटा को सीक्वेंसियल एक्सेस करने के लिए सूटेबल नही है
मैग्नेटिक डिस्क के फीचर्स
Magnetic Disk की कई विशेषताएँ होती है जिनके बारे में हम आगे जानेंगे।
- मैग्नेटिक डिस्क एक ऐसे खोल से बंद होती है जिसमे धूल के कण भी नहीं जा पाते है।
- Magnetic Disk में से किसी खास डिस्क पार्ट से डाटा को प्राप्त करने के लिए उसे आगे पीछे किया जा सकता है।
- इस डिस्क के केंद्र पर एक हब लगाया जाता है जिसकी मदद से स्टैपर मोटर डिस्क को घुमाती है।
- मैग्नेटिक हार्ड डिस्क बहुत आसानी से CPU से कनेक्ट हो जाती है।
आशा है की आपने Magnetic Disk की पोस्ट पूरी पढ़ी होगी आपको पोस्ट पसंद आई हो तो अपने दोस्तो के साथ भी शेयर करे।
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