हेलो दोस्तो, कई छात्रों को 10 वीं कक्षा पास करने के बाद अपने विषयों को चुनना एक बहुत बड़ा निर्णय लगता है क्योंकि उने लगता हैं कि करियर किस ओर बढ़ेगा।
तो जो छात्र 11वीं कक्षा में साईंस स्ट्रीम को चुनते है। साईंस में भी गणित, रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान पढ़ना जरुरी होता है और 12वीं में भी इन्हीं विषयों से पढ़ाई करते है फिर ही उने इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिलता हैं।
तो यहां सवाल उठता है कि इंजीनियरिंग क्या है। यहाँ इस आर्टिकल में इंजीनियरिंग क्या है आपको समस्त जानकारी मिलेगी तो आप आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
इंजीनियर क्या होता है
कोई भी व्यक्ति किसी वस्तु का आविष्कार करें उसका डिजाइन बनाएं या मशीन टेस्ट करें, अलग-अलग प्रयोग करके किसी नई वस्तु का आविष्कार करके सफलता प्राप्त कर लें, तो उस व्यक्ति को ही इंजीनियर कहा जाता हैं।
आज के समय में जहां तकनीक ने दुनिया भर में फैला हुआ हैं यहाँ इंजीनियरिंग शिक्षा का एक ऐसा क्षेत्र है जहां मशीनों को बनाने, डिजाइन करने और बनाए रखने के लिए तकनीकी दिमाग लगाया जाता है।
अपने फील्ड या ब्रांच से जुड़ी नई चीजों का आविष्कार या डिजाइन करना इंजीनियर का काम होता है
इंजीनियरिंग की कोर्स
इंजीनियरिंग के कोर्स दो भाग में बाटे होते हैं।
Undergraduate
Post Graduate
Undergraduate के दो प्रकार होते हैं।
Bachelor of Engineering (B.E.) या Bachelor of Technology (B.Tech)
Diploma in Engineering
Bachelor of Engineering
छात्र इंजीनियरिंग करने की सोच तो लेते है मगर कुछ छात्रों को यह पता नहीं होता की इंजीनियरिंग के प्रकार कितने होते है। इंजीनियरिंग के अंदर भी कई प्रकार होते है। सबसे ज्यादा प्रॉब्लम तब होती है जब छात्र यह नही समझ पाते हैं की ग्रजुएशन किससे करें। या फिर कौन की ब्रांच ले। तो आगे पढ़ते हैं कि कितनी ब्रांच होती हैं।
Electrical Engineering
Mechanical Engineering
Civil Engineering
Computer Science and Engineering
Electronics and communication
Biomedical Engineering
Chemical Engineering
Robotics Engineering
Biotechnology Engineering
Petroleum Engineering
Data Science
Instrumentation Engineering
Electrical and Electronics Engineering
Information Technology
Artificial intelligence
Electronics and Instrumentation
Artificial intelligence and machine learning
Agriculture Engineering
Information Science and engineering
Mechatronics
Food technology
B.Tech in Cyber security
Instrumentation and Control
Mining Engineering
Production engineering
Dairy technology
Marine Engineering
Big Data Analytics
Automation and Robotics
Ceramic Engineering
Structural Engineering
Transportation Engineering
Construction Engineering
Power Engineering
Smart Manufacturing & Automation
Aeronautical Engineering
Electrical Engineering
इस फिल्ड में सबसे ज्यादा स्कोप है। जैसे जैसे नई टेक्नोलोजी आती जा रही है उसी तरह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की अहमियत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जगह में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के लोग जरुर मिलते हैं। घर से लेकर कोई भी बड़ी कम्पनी तक हर जगह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग काम आती है।
Mechanical Engineering
जिन लोगों को मशीनों से प्यार है उनके लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग एकदम सही करियर ऑप्शन है। इस फिल्ड में आपको मशीनों के बारे में हर एक चीज़ सिखाई जाएगी
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मशीनों और उसके parts को डिजाइन करने के बारे में पढ़ाया जाता है।
Civil Engineering
सिविल इंजीनियर सरकार के अंर्तगत काम करता है। जब भी सरकार को कोई भी निर्माण करना होता है जैसे की रोड़ का निर्माण, स्कूल, अस्पताल आदि तो इसकी जिम्मेदारी सरकार सिविल इंजीनियर को देती है।
सिविल इंजीनियर का काम पूरे काम की नीती बनाने से लेकर उस काम को खत्म करने तक की जिम्मेदारी होती है।
Civil Engineering में मुख्यता construction of infrastructure सिखाते हैं।
इसके अलावा, आज के मॉर्डन लाइफ को ध्यान में रखते हुए structures की design, planning और maintenance के बारे में भी सिखाते हैं।
Computer Science Engineering
कंप्यूटर अब हर रोज़ किसी न किसी तरह से काम आता है। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, अस्पताल, स्पेस सेंटर आदि हर जगह में काम आता है। इसको पढ़कर अगर आपने कंप्यूटर इंजीनियर बनने का मन बना लिया है तो आपका यह फैसला बिल्कुल सही है। साथ ही कंप्यूटर के इतने ज्यादा इस्तेमाल को देखते हुए हम यह कह सकते है की कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बहुत स्कोप है।
Electronics & Communications Engineering
Electronics & Communications Engineering में electronic, electrical और communications की technologies को एक साथ मिलाकर पढ़ाया जाता है।
इसमें मुख्यता बिजली उत्पादन, मोटर वाहन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और प्रणालियों, दूरसंचार और इससे जुड़ी चीजों को सिखाया पढ़ाया जाता है।
Biomedical Engineering
मुख्य रूप से दो शब्द शामिल हैं- जैव और चिकित्सा। यह डिजाइनिंग सिस्टम, और चिकित्सा की दुनिया में उपयोग किए जाने वाले उपकरण का अभ्यास है। इसमें चिकित्सा चिकित्सकों के साथ मिलकर काम करना और उनकी कार्य आवश्यकताओं को समझना और चिकित्सा क्षेत्र की दक्षता को बढ़ाना शामिल है।
Chemical Engineering
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को केमिकल्स के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है।
इसे कच्चे माल के साथ ही ऊर्जा के उत्पादन, डिजाइनिंग, परिवहन और परिवर्तन के विज्ञान के रूप में समझा जा सकता है। जैसा कि यह शब्द दर्शाता है, यह रसायन विज्ञान के क्षेत्र और सिद्धांतों पर अधिक केंद्रित है।
Robotics Engineering
इस आधुनिक दुनिया में जहाँ मशीनरी तेजी से मानवों पर निर्भर होने वाले कार्यों को ले रही है, जिसे विज्ञान को स्वचालन और रोबोटिक्स इंजीनियरिंग कहा जाता है। शाखा विद्युत-यांत्रिकी, रोबोट सेंसर, स्वचालित प्रणाली और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित क्षेत्रों का गहराई से ज्ञान प्रदान करती है।
Biotechnology Engineering
बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग को genetics, chemistry, microbiology और biochemistry जैसे विषयों को मिलाकर पढ़ाया जाता है।
Petroleum Engineering
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग एक ऐसा कोर्स है जिसके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है। इसलिए आज हम यहां आपको इस कोर्स के बारे में भी बताएंगे। जो लोग यह कोर्स करते है उनको ड्रिलिंग और भूवैज्ञानिक डेटा विश्लेषण (जियोलोजिकल डाटा एनालिसिस) में ट्रेन किया जाता है। पेट्रोलियम इंजीनियर का सबसे महत्तवपूर्ण काम जमीन में से पेट्रोल निकाल कर उसको टेंक में सुरक्षित डालने का होता है। इसी तरह के काम की ट्रेनिंग दी जाती है। अगर किसी को कुछ अलग करना है तो पेट्रोलियम इंजीनियरिंग एक बेहतर ऑप्शन है।
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
एयरक्राफ्ट और स्पेसक्राफ्ट के डिजाइन और कामकाज से निपटने वाली विज्ञान की शाखा को एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कहा जाता है। हम मनुष्यों ने अंतरिक्ष तक को नहीं बख्शा है और इसका कारण प्रौद्योगिकी की अत्यधिक मांग है जहां दूसरे दिन एक नया उपग्रह या अंतरिक्ष यान लॉन्च किया जाता है। यह अधिक एयरोस्पेस इंजीनियरों के निर्माण के लिए होता है।
एयरोस्पेस एविएशन इंजीनियरिंग की दो sub branches हैं जिनके नाम है।
Aeronautical engineerings
Astronautical engineering
डिप्लोमा इंजीनियरिंग का कोर्स
डिप्लोमा इंजीनियरिंग का यह कोर्स छात्र को 3 साल तक करना होता है लेकिन इस कोर्स को करने के लिए छात्र के पास दसवीं कक्षा में साइंस और मैथ्स जैसे विषय होना आवश्यक है। डिप्लोमा इंजीनियर बनने के लिए उसके कोर्स इस प्रकार है।
Diploma in Automobile Engineering
Diploma in Computer Science & Engineering
Diploma in Electronics and Communication Engineering (DETCE)
Diploma in Mechanical Engineering (DME)
Diploma in Aeronautical Engineering
Diploma in Information Science
Diploma in Civil Engineering (DCE)
Diploma in Electrical Engineering (DEE)
Diploma in Metallurgical Engineering
Diploma in Electronic Instrumentation & Control Engineering
इंजीनियर बनने में कितने साल लगते हैं?
Bachelor of Engineering(B.E) या Bachelor of Technology (B.Tech.) का कोर्स करते हैं तो इसकी पढ़ाई करने में आपको 4 साल लगते हैं।
जिस व्यक्ति ने कक्षा 12वीं में Science stream में Mathematics से पढ़ाई की हो वह B.E या B.Tech की पढ़ाई कर सकते है।
इंजीनियरिंग में 1 साल में 2 सेमेस्टर होते हैं और 4 साल में कुल 8 सेमेस्टर को पास करना होता हैं तभी आपका कोर्स कंप्लेटे होती हैं।
और अगर आप इंजीनियर बनने के लिए Diploma का कोर्स करते हैं तो इसके लिए आपको 3 साल की पढ़ाई करनी होती हैं।
डिप्लोमा में 3 साल का कोर्स होता हैं इसमे 6 सेमेस्टर होते हैं।
Diploma की पढ़ाई करने के लिए आपको कक्षा 10 वीं पास होना जरूरी होता है।
कक्षा 12वीं के बाद भी Diploma का कोर्स किया जा सकता है लेकिन इसके लिए कक्षा 12वीं में Science stream में Mathematics से पढ़ाई करने जरूरी होता है।
NOTE- किसी किसी कॉलेज में सेमेस्टर में परीक्षाएं ना होकर, वार्षिक परीक्षाएं होती हैं।
इंजीनियरिंग और इंजीनियर में अंतर
इंजीनियरिंग और इंजीनियर में अंतर यह हैं कि इंजीनियरिंग कोर्स का नाम होता है और जो छात्र 12वीं के बाद इंजीनियरिंग करते है। किसी भी छात्र के पास कम से कम 3 साल का डिप्लोमा होना चाहिए। या फिर 4 साल की इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए
इसके बाद स्टूडेंट को जो भी subject अच्छा लगता है वह उस subject से पोस्ट ग्रेजुएशन करता है, पोस्ट ग्रेजुएशन हो जाने के बाद वह छात्र इंजीनियर कहलाता हैं
इंजीनियरिंग के बाद क्या करे
इंजीनियरिंग के बाद क्या करे यह सबाल B.E. पूरी होने के बाद हर स्टूडेंट के मन मे आता हैं BE के बाद आप और पढ़ाई भी कर सकते हैं और जॉब भी कर सकते हैं आपके intrest पर Depend करता हैं कि आप जॉब करना चाहते हो या ओर पढ़ाई करने चाहते हो तो आपके पास 2 ऑप्शन होते हैं।
M.Tech
B.E के बाद आप M.Tech कर सकते हैं यह पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री होती हैं जो इंजीनियरिंग कॉलेज से होती हैं।
यदि आप इंडिया के IIT कॉलेज से M.Tech करना चाहते हैं तो आपके लिए GATE का Exam Qualify करना होता हैं।
यही आप प्राइबेट कॉलेज से M.Tech करना चाहते हैं तो आप का एडमिशन आसानी से हो जाता हैं।
MBA
इंजीनियरिंग करने के बाद आप MBA भी कर सकते हैं जो एक management degree होती हैं।
अच्छे MBA कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए MAT, CAT, XAT, CMAT, जैसे Entrance test में पास हो जाते हैं तो आप TOP MBA कॉलेज में Admission मिल जाता हैं।
यदि आप Entrance Test पास नही कर पाते हैं तो आप किसी भी private कॉलेज से MBA कर सकते हैं।
NOTE – सरकारी कॉलेज से प्राइवेट कॉलेज में ज्यादा फीस लगती है।
इंजीनियरिंग के लिए टॉप कॉलेज
BIT Mesra – बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पिलानी
IIT Kanpur – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर
IIT Delhi – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
IIT Bombay – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बॉम्बे
IIT Kharagpur – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर
IIT madras – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, चेन्नई
IIT Roorkee – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रुड़की
IIT Indore – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इंदौर
IIT Guwahati – इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ टेक्नोलोजी, गुवाहाटी
IIT Hyderabad – इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ टेक्नोलोजी,
IIT Dhanbad – इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ टेक्नोलोजी, धनबाद
IIT Patna – इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ टेक्नोलोजी, पटना
IIT Varanasi – इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ टेक्नोलोजी, वाराणसी
IIT Jodhpur – इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ टेक्नोलोजी, जोधपुर
IIT Mandi – इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ टेक्नोलोजी
इंजीनियरिंग में करियर कैसे बनाये
इंजीनियरिंग लाइन में कैरियर बनाने के बहुत सारे विकल्प होते हैं। क्योंकि इंजीनियरिंग लाइन में बहुत सारी ब्रांच होती है जितनी ब्रांच होंगी उसी के हिसाब से नौकरी के भी विकल्प बहुत ज्यादा होंगे। ऊपर आपको इंजीनियरिंग की सभी ब्रांच की एक सूची दी गई है तो उसी हिसाब से आप जिस भी ब्रांच से इंजीनियरिंग करेंगे
आप उसी क्षेत्र में नौकरी लग जाएंगे। जैसे कि अगर आप इलेक्ट्रिकल शाखा से अपनी इंजीनियरिंग करेंगे तो आप इलेक्ट्रिकल क्षेत्र में बहुत नौकरी के विकल्प में से कोई भी एक नौकरी चुन सकते हैं। और इसी तरह कंप्यूटर के क्षेत्र में भी बहुत सारी नौकरियां होती है।
इंजीनियर की सैलरी
इंजीनियर की सैलरी उसकी नौकरी के ऊपर निर्भर करती है कि वह किस क्षेत्र में नौकरी कर रहे है तो सभी इंजीनियर की सैलरी उसके काम पर निर्भर करती है।
Mechanical Engineer की Salary लगभग 4 लाख एक साल की होती हैं।
Civil Engineer की Salary लगभग 3-4 लाख एक साल की होती हैं।
Electrical Engineer की Salary लगभग 3-4 लाख एक साल की होती हैं।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी लगभग 5-15 लाख एक साल की होती हैं।
Computer Engineer की Salary कंप्यूटर इंजीनियर की सैलरी उसके अनुभव के ऊपर निर्भर करती है जैसे कि नए कंप्यूटर इंजीनियर को लगभग 25000 से ₹30000 तक एक महीने के मिलेंगे और अगर जैसे जैसे उसे अनुभव होता रहेगा वैसे उसकी सैलरी भी बढ़ती रहेगी कुछ कंप्यूटर इंजीनियर की सैलरी एक लाख एक महीने तक की होती है।
NOTE – किसी भी ब्रांच का experience और Knowledge के बेस पर सैलरी मिलती हैं।
इस आर्टिकल से उन लोगो को जरुर ही मदद मिली होगी जिनको यह समझ नहीं आ रहा था कि इंजीनियरिंग के बाद आखिर क्या करना चाहिए। अब कुछ हद तक इस सवाल का जवाब मिल गया होगा। बस अपनी पसंद को जानना जरुरी है बाकी रास्तें तो कई होते है। और ऐसा तो बिल्कुल नहीं है की एक चीज को अपना समय देने के बाद उसी में आगे कुछ करें, पसंद और रुचि तो हर इंसान की समय के साथ बदलती रहती हैं।