हैलो दोस्तों आज हम Integrated Circuit के बारे में समस्त जानकारी पढ़ने वाले है जैसे IC क्या हैं यह कितने प्रकार की होती है इसका उपयोग क्या होता है इस प्रकार की समस्त जानकारी इस अध्याय में पढ़ेगें तो यदि आप इसकी जानकारी जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।
IC क्या है
Integrated Circuit एक small chip है, जो semiconductor material सामान्य रूप से silicon से बनी होती है। इस छोटी चिप में कई सारे इलेक्ट्रॉनिक component जैसे – transistors, capacitors, diodes और resistors को conducting wire से आपस मे जोड़ा जाता हैं।
Integrated Circuit या IC एक ऐसी छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है इसमें Transistors, Diodes, Capacitors और Resistors जैसे कई Microscopic एलिमेंट मौजूद होते हैं। या एक छोटी सी चिप या silicon का छोटा सा टुकड़ा जिस पर ये इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट लगे होते हैं।
IC का Full From
IC का full form Integrated Circuit होता हैं।
हिंदी में Integrated Circuit को एकीकृत परिपथ कहते हैं।
Integrated Circuit का इतिहास
IC का आविष्कार Jack Kilby ने 12 सितंबर 1958 में उन्होंने इंटीग्रेटेड सर्किट बनाने में सफलता हासिल की थी। लेकिन जैक किल्बी को अपने इस महान आविष्कार का सम्मान नोबेल पुरस्कार वर्ष 2000 में मिला था। शुरु में IC चिप में कुछ ही संख्या में ट्रांजिस्टर होते थे। लेकिन आज लाखों ट्रांज़िस्टर एक आईसी चिप में लगे होते है।
IC के अविष्कार के कारण ही आज के जमाने में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का विकास संभव हो सका है। क्या आपने ENIAC computer के बारे में सुना है, इनका उपयोग 1940 में होता था। इसका आकार बहुत बड़ा होता था। ये एक 50 फुट लंबे कमरे में आता था और इसका वजन लगभग 30 टन था।
पुराने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस आकार में बड़े इसलिये थे क्योंकि उसमे Integrated circuit के बजाए उनके स्विचिंग कॉम्पोनेन्ट जैसे – vacuum tubes और transistors के लिए सामान्य सर्किट का उपयोग करते थे। इन सर्किट में सिर्फ एक ही कॉम्पोनेन्ट लगे होते है।
जबकि IC में हजारों से लेकर लाखों छोटे ट्रांजिस्टर, रजिस्टर और कैपेसिटर को एक chip में लगा दिया जाता है। कई इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट को एक सिंगल यूनिट में शामिल कर देने से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के आकार कम हो गये हैं।
प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में एक PCB होता है जिसे सर्किट बोर्ड कहते है। इस बोर्ड पर एक छोटे आकार की चिप लगी होती है। यह चिप IC कहलाती है।
इंटीग्रेटेड सर्किट अर्द्धचालक प्रदार्थ सिलिकॉन से बनी होती है। IC में ट्रांज़िस्टर लगे होते है। कुछ IC में कैपेसिटर भी होते है। बहुत सारे छोटे छोटे उपकरणों को एक चिप पर लगाना बहुत कठिन काम हैं लेकिन रोबोटिक के कारण यह आसान हो पाया हैं।
IC के प्रकार
IC तीन प्रकार के होते हैं
- Digital IC
- Analog IC
- Mixed signal IC
1. Digital IC
Digital IC 0,1 बाइनरी पर डिजिटल IC कार्य करती है। कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप में इस्तेमाल होने वाली IC डिजिटल ही होती है।
बाइनरी नंबर 1 और 0 पर काम करने वाली IC को Digital IC करते है इसमें बहुत सारे Logic gates होते हैं 1 और 0 के फॉर्म में जिनके द्वारा IC को Output मिलता है 1 का मतलब High होता हैं या सिग्नल है और 0 का मतलब Low होता हैं या सिग्नल नही है
2. Analog IC
Analog IC केवल एक सिग्नल पर काम करता है। एम्पलीफायर डिवाइस में एनालॉग IC चिप का उपयोग होता है।
यह सिग्नल के वोल्टेज को बढ़ाता है। मापन के सिद्दांत पर काम करने वाले डिवाइस में भी एनालॉग IC का उपयोग किया जाती है।
3. Mixed signal IC
हाइब्रिड आईसी चिप या मिक्स्ड चिप (Hybrid IC Chip) Hybrid IC चिप डिजिटल और एनालॉग IC चिप के मिश्रण से बनाये जाते है।
Mixed IC का उपयोग Analog signal को digital signal में बदलना और Digital Signals को analog सिग्नल में परिवर्तित करने में किया जाता है
IC का उपयोग
- IC का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में किया जाता हैं।
- IC का उपयोग मोबाइल में बहुत छोटी सी चिप के रूप में किया जाता हैं।
- IC का उपयोग आज हर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के अंदर किया जाता है जहां पर संभव हो सके इसे ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है,
- बहुत सारे मोबाइल के पार्ट्स होतें हैं जिनमे IC का उपयोग किया जाता है, और जो एक स्मार्टफोन के लिए बहुत जरुरी होते हैं,
IC का उपयोग बहुत से घरेलू उपकरणों जैसे टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि में होता है।
IC के लाभ
1. IC का आकार छोटा होता हैं जिससे छोटे आकार के इलेक्ट्रॉनिक चीजें बनाई जाती हैं।
2. IC को बनाने के लिए बहुत महंगी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह बहुत ज्यादा मात्रा में बनाए जाते हैं जिससे इनकी कीमत कम हो जाती हैं।
3. यह आपको बाजार में किसी दुकान पर आसानी से मिल जाती है और काफी सस्ती मिलती हैं।
4. पुराने सर्किट से यह IC कई गुना छोटी होती है। इसके विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट को सिंगल chip में इंटीग्रेटेड कर दिया जाता है।
5. IC का आकार छोटा होने के कारण यह वजन भी बहुत हल्की होती है।
6. IC chips को सर्किट से निकाल कर आसानी से बदला जा सकता हैं
7. Integrated Circuit के छोटे आकार के कारण इसमे बिजली कम लगती हैं।
8. IC chips की Quality अच्छी होती है, क्योंकि इसमें कोई soldered joints नही होता है।
IC कि कुछ जानकारी
1. Integrated Circuit का उत्पादन लार्ज स्केल पर किया जाता है, इसी कारण यह सस्ती पड़ती है।
2. सभी इलेक्ट्रिक डिवाइस की speed और performance उसकी IC पर निर्भर करती है।
3. IC एक amplifier, oscillator, timer, microprocessor और एक computer memory की तरह कार्य कर सकती है।
4. IC chip आकार में छोटे, कम वजन और कम बिजली लगने के कारण इंजीनियर विभिन्न प्रकार के Microelectronic डिवाइस का निर्माण कर पाए है।
5. ये IC सभी छोटे-बड़े इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में अलग-अलग उद्देश्यों के लिये उपयोग होती है। अपने टीवी, फोन या रेडियो के अंदर मौजूद circuit board (PCB) में आपको वर्ग के आकार में काली रंग की कई छोटी chips दिखाई देंगी ये सब ICs है।
IC में बदलाव
IC में समय के साथ बदलाव होने का मतलब हैं। बड़े सर्किट को छोटा सर्किट में बदलना हैं। नीचे पढ़िए समय के साथ IC में कैसे बदलाव आया हैं।
SSL
SSL का full form – Small Scale Integration होता हैं।
यह 1964 से IC बड़े पैमाने पर उपयोग होना सुरु हुई जब Integration का basic method उपयोग होता था।
जिसमे 2 से 10 ट्रांजिस्टरों को लगाया जाता था। इन ट्रांजिस्टरों से 1-12 logic gates बनते थे इसे हाथों से ही बनाया जाता था
MSI
MSI का full form – Medium Scale Integration होता हैं।
यह IC 1968 में बनाई गई थी। जिसमे 10 से 500 ट्रांजिस्टरों को एक चिप में लगाया जाता था।
इसमे 13 से 99 logic gates बनाते थे। MSI के उपयोग से बहुत से काम आसान हो गये थे।
LSI
LSI का full form – Large Scale Integration होता हैं। यह IC 1971 में develop हुआ था।
इसमे 500 से 20000 ट्रांसिस्टरों को एक साथ लगाया जाता था। जिसमे एक बड़े circuit को एक छोटी सी चिप में बदल दिया गया।
LSI में 100 से 9999 logic gates होते थे। यहां से कंप्यूटरों को पर्सनल कंप्यूटर बनाना आसान हो गया था।
VLSI
VLSI का full form – Very Large Scale Integration होता हैं। यह 1980 में develop हुआ था।
इसमे 20000 से 10,00,000 ट्रांसिस्टरों को एक ही IC में लगाते थे। VLSI में 10000 से 99999 logic gates बनते थे।
ULSI
ULSI का full form – Ultra Large Scale Integration होता हैं। यह 1984 में बनाया गया था।
इसमें 1000000 से ज्यादा ट्रांजिस्टरों को एक चिप में लगाये जाने लगे थे।
इसमे 1000000 से ज्यादा logic gates होते हैं जो किसी भी High tech डिवाइस में उपयोग होती हैं।
जैसे – Laptop, Touch, Screen Mobile etc.
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आशा है आपने IC की जानकारी पढ़ी उम्मीद हैं आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी यदि आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो यह आर्टिकल अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।
Sir Apne IC ke bare me to bahut achhe se batayen hai. Sabse achha mujhe ye laga kam lekh me bahut jyada Information diya hai.
Thank you🙏
Thankyou