हैलो दोस्तो आज की पोस्ट में हम कंप्यूटर हार्डवेयर पढ़ने वाले है तो आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।
आज का समय तकनीकी का है और टेक्नोलॉजी को आगे बढाने में कंप्यूटर का बड़ा योगदान है, अगर आपको कंप्यूटर में रूचि है और आप कंप्यूटर के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो हार्डवेयर के बारे में आपको पता होना चाहिए।
कंप्यूटर हार्डवेयर क्या है
कंप्यूटर के वे भाग जिन्हें हम देख सकते हैं छू सकते हैं वे सभी कंप्यूटर हार्डवेयर (Computer Hardware) कहलाते हैं. हार्डवेयर कंप्यूटर का शरीर हैं ये कंप्यूटर को आकार प्रदान करते हैं. जैसे मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस, माइक्रोफोन आदि कंप्यूटर के हार्डवेयर हैं।
हार्डवेयर के बिना कंप्यूटर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, हार्डवेयर से कुछ काम करवाने के लिए Software का इस्तेमाल करना पड़ता है. कुल मिलाकर सटीक शब्दों में कहें तो हार्डवेयर कंप्यूटर का शरीर है और सॉफ्टवेयर कंप्यूटर की आत्मा की तरह होता है।
कंप्यूटर में कुछ हार्डवेयर ऐसे होते हैं जो हमें बाहर से दिखाई देते हैं जिन्हें External Hardware कहते हैं और कुछ हार्डवेयर ऐसे होते हैं जो हमें दिखाई नहीं देते हैं क्योकि ये कंप्यूटर केस के अन्दर लगे होते हैं जिन्हें Internal Hardware कहते हैं जैसे मदरबोर्ड, CPU, हार्ड डिस्क, RAM, DVD, ड्राइवर आदि।
हार्डवेयर की परिभाषा
हार्डवेयर Computer का एक Machinery भाग होता है जिसे हम छू सकते हैं, जैसे मॉनिटर, एलसीडी, की-बोर्ड, माउस, CPU, UPS, स्पीकर, आदि. इन सभी Machinery Part को मिलाकर ही computer का बाहरी भाग तैयार बनाया जाता है, जिसके जरिये यूजर कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन अर्थात कोई भी इनपुट देता है।
Computer के इन्ही भागों द्वारा Computer की क्षमता का निर्धारण किया जाता है. कंप्यूटर के ज्यादातर Software को चलाने के लिये निर्धारित Hardware की आवश्यकता होती है। यदि Software के अनुसार Computer में हार्डवेयर मौजूद नहीं होते है तो Software को Computer में चलाया नहीं जा सकता है जिसके कारण कंप्यूटर कभी भी ठीक से काम नहीं कर सकता है या यह भी कह सकते है की कंप्यूटर बिना हार्डवेयर बन ही नहीं सकता है।
कंप्यूटर हार्डवेयर के प्रकार
कंप्यूटर हार्डवेयर मुख्य रूप से 5 प्रकार के होते हैं
- इनपुट डिवाइस (Input Device)
- आउटपुट डिवाइस (Output Device)
- सिस्टम यूनिट (System Unit)
- आतंरिक भाग (Internal Device)
- कम्युनिकेशन डिवाइस (Communication Device)
1.इनपुट डिवाइस (Input Device)
कंप्यूटर के वे सारे डिवाइस जिसके द्वारा यूजर कंप्यूटर को निर्देश देता है उसे इनपुट डिवाइस कहते हैं, बिना इनपुट डिवाइस के कंप्यूटर को निर्देश नहीं दिया जा सकता है. इनपुट डिवाइस के द्वारा निर्देश प्रपात करने के बाद ही कंप्यूटर अपना काम शुरू करते हैं। सभी इनपुट डिवाइस हार्डवेयर होते हैं।
कुछ प्रमुख कंप्यूटर Hardware Input Device जैसे-
कीबोर्ड (Keyboard)
माउस (Mouse)
स्कैनर (Scanner)
माइक्रोफोन (Microphone)
टच स्क्रीन (Touch Screen)
2. आउटपुट डिवाइस (Output Device)
कंप्यूटर इनपुट डिवाइस से निर्देश प्राप्त करता है और फिर उन निर्देशों को Process करके परिणामों को आउटपुट डिवाइस में दिखाता है. अर्थात कंप्यूटर के वे डिवाइस जिसमें कंप्यूटर प्राप्त निर्देशों के अनुकूल परिणाम प्रदर्शित करता है उसे आउटपुट डिवाइस कहते हैं. कंप्यूटर के सभी आउटपुट डिवाइस भी हार्डवेयर के अंतर्गत आते हैं।
आउटपुट डिवाइस वो डिवाइस होती है जो कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस द्वारा दिए गये निर्देशों को प्रोसेसिंग होने के बाद जिस डिवाइस में उसका परिणाम हार्डकापी के रूप में पिंट या सॉफ्ट कॉपी (मॉनिटर) दीखता और प्रदान करता है वह आउटपुट डिवाइस कहलाता है। कंप्यूटर में निम्नलिखित प्रकार के आउटपुट डिवाइसेस है।
कुछ आउटपुट डिवाइस होते हैं। जैसे –
१- मॉनिटर (Monitor)
२- प्रिंटर (Printer)
३- प्लॉटर (Plotter)
४- मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर(Multimedia Projector)
५- स्पीच सिंथेसिज़ेर्स (Speech Synthesizers )
कंप्यूटर के कुछ मुख्य हार्डवेयर Output Device जेसे-
मॉनिटर (Monitor)
प्रिंटर (Printer)
प्लॉटर (Plotter)
हैडफ़ोन (HeadPhone)
प्रोजेक्टर (Projector)
3. सिस्टम यूनिट (System Unit)
सिस्टम यूनिट को अक्सर लोग आम बोल – चाल की भाषा में CPU भी कहते हैं जो कि गलत है CPU कंप्यूटर की Internal Device है. System Unit एक प्रकार का Connector रहता है जिसमें कंप्यूटर के विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे होते हैं. इसका आकार एक छोटे बॉक्स के सामान होता है।
4. आतंरिक भाग (Internal Device)
कंप्यूटर के वे भाग जो कि कंप्यूटर के अन्दर स्थित होते हैं उन्हें Internal Device कहते हैं. Internal Device को हम बाहर से नहीं देख सकते हैं क्योकि ये कंप्यूटर केस के अन्दर लगे होते हैं. आप किसी खराब कंप्यूटर को खोलकर उसके आतंरिक Part को भी देख सकते हैं. Internal Device बहुत ही Sensitive रहते हैं, केवल खरोंच आने से भी ये ख़राब हो सकते हैं इसलिए इन्हें कंप्यूटर केस में रखा जाता है।
कंप्यूटर की कुछ हार्डवेयर Internal डिवाइस जेसे-
मदरबोर्ड (MotherBoard)
रैम (RAM)
रोम (ROM)
एसएमपीएस (SMPS)
फेन (FAN)
सीपीयू (CPU)
हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive)
एसएसडी (SSD)
पॉवर सप्लाई (Power Supply)
प्रोसेसर (Processor)
5. कम्युनिकेशन डिवाइस (Communication Device)
Communication Device कंप्यूटर के उन उपकरणों को कहते हैं जिसकी मदद से एक कंप्यूटर दुसरे कंप्यूटर से संपर्क कर सकता है. जैसे- Modem, BroadBand, Router।
कंप्यूटर हार्डवेयर का कार्य
Hardware एक Computer में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही Computer का Structure प्रदान करता है। Hardware के बिना Computer संभव नहीं है। Computer का दूसरा और जरुरी भाग Software को Run करने के लिए Hardware की आवश्यकता होती है। इसीलिए कहा जाता है कि Hardware के बिना Computer का अस्तित्व नहीं होता है। अगर बात Hardware के कार्य की कि जाय। तब सबसे पहला कार्य होता है Software के निर्देश का पालन करना।
Computer Hardware में बहुत सारे Electronic Parts होते हैं। जिसमें से प्रत्येक का कार्य अलग अलग हो सकता है। जैसे; Computer में कुछ Input देने के लिए Input Device तथा Output प्राप्त करने के लिए Output Device का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार Computer Hardware का जो भाग Input Device कहलाएगा। उसका कार्य Computer को Input देना हो जाएगा। वहीं Output Device के अंतर्गत आने वाले Computer Hardware का कार्य Output (परिणाम) दिखाना या देना होता है। नीचे Computer Hardware के प्रकार और उनके कार्य विस्तार से बताया गया है।
हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में अंतर
कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में निम्न अंतर होता है।
हार्डवेयर कंप्यूटर का शरीर हैं जबकि सॉफ्टवेयर उनमें जान डालते हैं.
हार्डवेयर भौतिक भाग हैं जिन्हें देखा जा सकता है और छू भी सकते हैं जबकि सॉफ्टवेयर को हम देख नहीं सकते हैं.
हार्डवेयर को हमें एक बार खरीदने पड़ता है जबकि सॉफ्टवेयर को अलग – अलग Task के आधार इनस्टॉल किया जाता है।
एक कंप्यूटर को काम करने में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों का योगदान होता है.
हार्डवेयर के बिना सॉफ्टवेयर काम नहीं कर सकते हैं और सॉफ्टवेयर के बिना हार्डवेयर काम नहीं सकते हैं.
कंप्यूटर हार्डवेयर के उदाहरण
कंप्यूटर हार्डवेयर के उदाहरण, मॉनिटर, माउस, कीबोर्ड, हार्ड डिस्क, CPU, मदरबोर्ड आदि होते हैं।
कंप्यूटर हार्डवेयर किसे कहते हैं?
कंप्यूटर के वे भाग जिन्हें हम देख और छू सकते हैं उसे कंप्यूटर हार्डवेयर कहते हैं.
हार्डवेयर क्यों जरूरी है?
हार्डवेयर, कंप्यूटर का वो हिस्सा है! जिसकी मदद से यूजर्स कंप्यूटर में जरूरी इंफॉर्मेशन और डाटा डालते हैं. अगर हार्डवेयर ना हो तो उपयोगकर्ता कंप्यूटर में किसी भी तरह के डाटा और इनपुट्स नहीं डाल पाएंगे और कंप्यूटर अपना काम नहीं कर पाएगा. हार्डवेयर के मदद से ही उपयोगकर्ता कंप्यूटर में निर्देशों को डालकर उसे नियंत्रित करता है और अपने काम को करता हैैं. तो आप समझ सकते हैं कि हार्डवेयर कंप्यूटर के लिए कितने ज्यादा जरूरी है.
हार्डवेयर के कितने भाग होते हैं?
हार्डवेयर को मुख रूप से दो भागों में बांटा जाता है।
- Internal (जैसे – 1. CPU, 2. RAM, मदरबोर्ड आदि)
- External (जैसे – मॉनिटर, कीबोर्ड, प्रिंटर, माउस आदि).
CPU क्या है
CPU का Full Form Central Processing Unit (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) है। यह Computer का एक छोटा सा लेकिन महत्वपूर्ण भाग होता है। जो कि एक चिप के समान होता है। यह Computer के सभी Instructions को Process करता है और Program के अनुसार परिणाम प्राप्त करता है। इसके बाद Computer कोई Output देता है। यानी Computer में Output प्राप्त करने से पहले का कार्य CPU का होता है। यह Instructions को Control और Process करता है। तभी कोई परिणाम मिलता है।
आपने Memory (मेमोरी) का नाम तो सुना ही होगा। हाँ तो बस RAM भी एक Memory ही है। Memory मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। Primary Memory और Secondary Memory. Primary Memory तीन प्रकार की होती है। RAM, ROM और Cache Memory. इससे आपको समझ में आ गया होगा कि RAM भी एक प्रकार की Memory ही है। लेकिन इसे Primary Memory के अंतर्गत रखा जाता है। क्योंकि Computer में RAM को प्रमुख कार्य करना होता है। इसलिए इसे Main Memory भी कहते हैं।
RAM क्या है
RAM किसी भी Device के लिए सबसे महत्वपूर्ण Memory होती है। जिसका कार्य भी महत्वपूर्ण होता है। यानी यह Computer में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब हम अपने मोबाइल फोन या कंप्यूटर में कोई Application चलाते हैं। या फिर किसी प्रकार की Files जैसे; Photo, Video, Audio या Game आदि खोलते हैं। तब उस वक्त उसका Data RAM में Store होता है। जब हम Computer में कुछ भी करते हैं। तब वह Computer के RAM में ही Store होता है। जब Computer बंद किया जाता है। तब RAM में Store Data नष्ट हो जाता है। क्योंकि RAM एक प्रकार का Volatile Memory (अस्थायी मेमोरी) है। अर्थात इसमें Data अस्थायी तौर पर Store होता है।
हमने क्या सीखा: कंप्यूटर हार्डवेयर क्या है
इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि Computer Hardware Kya Hai और यह कितने प्रकार के होते हैं. एक कंप्यूटर को काम करने के लिए जितना योगदान हार्डवेयर का होता है उतना ही योगदान सॉफ्टवेयर का भी होता है दोनों के बिना कंप्यूटर अधूरा है. जब कंप्यूटर में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर होंगे तभी कंप्यूटर अपने काम कर सकता है।
Computer Hardware और Software के बीच क्या संबंध है?
- हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर एक दूसरे पर पूरी तरह से निर्भर है। कंप्यूटर से किसी भी प्रकार का आउटपुट प्राप्त करने के लिए दोनों का एक साथ उपयोग किया जाता है।
- हार्डवेयर की मदद के बिना किसी भी सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं किया जा सकता। क्योंकि
- कंप्यूटर पर जब कार्य किया जाता है, तो हार्डवेयर में उससे सम्बंधित सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल किया जाता है।
- हार्डवेयर में केवल एक बार खर्च किया जाता है।
- लेकिन सॉफ्टवेयर में कई बार खर्च करना होता है।
ज्यादातर हार्डवेयर की कीमत बहुत कम ही होती है और वह आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं।
हार्डवेयर user friendly होते है जिनका उपयोग करना आसान होता है।
दोस्तों हमारे इस पोस्ट हार्डवेयर क्या हैं? पढ़ने के बाद आप को कंप्यूटर के हार्डवेयर के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी. हार्डवेयर क्या है और यह क्यों जरूरी है! इस तरह के सभी सवालों के जवाब आपको इस पोस्ट में मिल गया होगा. अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिऐ।
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