हैलो दोस्तों आज हम Cache Memory क्या है इसकी परिभाषा, उपयोग, प्रकार पढेगे। आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।
यह एक कंप्यूटर मेमोरी कंपोनेंट है जो अक्सर प्रोसेस किए जाने वाले डेटा को टेम्पररी स्टोर करता है। कैशे मेमोरी कंप्यूटर की मेमोरी के प्रकार में हाई-स्पीड सेमीकंडक्टर मेमोरी होता है, जो CPU को तेजी से चलाने में मदद करती है। हालाँकि कहते है की RAM भी एक प्रकार से तेज़ मेमोरी होता है,
लेकिन यह कैशे मेमोरी जितनी तेज़ नहीं होती है। इसलिए, कंप्यूटर को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है, कि आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले डेटा को पहले कैश मेमोरी से पुनर्प्राप्त किया जाये। कैश मेमोरी होने से कम्प्यूटेशनल स्पीड कई गुना तक बढ़ जाती है।
आज के इस आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे Cache Memory क्या है ? Cache Memory के उपयोग क्या है? कैश मेमोरी के प्रकार क्या हैं ? कैश मेमोरी की विशेषताएं और इतिहास। इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए आपको Cache Memory की पूरी तरह से जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
1. कैश मेमोरी क्या है (What is Cache Memory in Hindi)
2. कैश मेमोरी का इतिहास (History of Cache Memory)
3. कैश मेमोरी के उपयोग (Uses of Cache Memory)
4. कैश मेमोरी के प्रकार (Types of Cache Memory)
5. कैश मेमोरी की विशेषता ( Features of Cache Memory in Hindi)
6. कैश मेमोरी के लाभ ( Advantages of Cache Memory in Hindi )
7. कैश मेमोरी के हानि
कैश मेमोरी क्या है ? What is Cache Memory in Hindi?
Cache Memory कंप्यूटर में बहुत ही छोटी अमाउंट में पाए जानेवाली एक ऐसी टेम्पररी मेमोरी होती है जो कंप्यूटर की सभी मेमोरी में से फ़ास्ट होती है। यह कंप्यूटर में डाटा फ्लो होने के दौरान उत्पन्न होनेवाली Bottleneck को कम करने का काम करती है।
अर्थात Data Access Time को Reduce (कम) करने का काम करती है, जिससे CPU वर्किंग कैपेसिटी बढ़ती है और अपनी Maximum Performance को Achieve कर पाती है जिससे कंप्यूटर की स्पीड Increase होती है।
वैसे सामान्य तौर पर हम सभी को केवल इतना पता होता है कि कंप्यूटर में एक Cache (कैश) Memory होती है जो CPU के अंदर पाये जाती है। पर वास्तविक में ऐसा नहीं होता है,
कैश मेमोरी केवल CPU में ही नहीं बल्कि हर एक Device जैसे- CPU, Hard Disk, SSD, Professional Read Card Etc. जिसमे डाटा Read/Write करने की जरुरत पड़ती है उसमे पाये जाती है जो बहुत ही कम अमाउंट में होता है।
Cache Memory भी RAM की तरह ही Volatile Memory होती है अर्थात इसके अंदर भी कोई डाटा उतनी ही देर तक रह सकती है जब तक की इसको कंटिन्यू इलेक्ट्रिसिटी मिलती रहे, जब भी कंप्यूटर Off हो जाती है
तो इसकी सारी डाटा Erase (गायब) हो जाती है। कैश मेमोरी का यूज़ ही किसी भी डिवाइस में इसलिए किया जाता है कि Data Access Time कम हो सके और वे डाटा उस डिवाइस से आसानी से प्राप्त हो सके जिसकी बार-बार जरुरत पड़ रही हो
कैश मेमोरी का इतिहास (History of Cache Memory):-
1980 के दशक में, इस विचार ने जोर पकड़ने लग गया कि कम खर्चीली, धीमी गति की मैन मेमोरी (रैम) के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए अधिक महंगी, तेज SRAM की एक छोटी राशि का उपयोग किया जा सकता है।
प्रारंभ में, कैश मेमोरी सिस्टम प्रोसेसर से अलग होता था और हमेशा चिपसेट में शामिल नहीं होता था। प्रारंभिक पर्सनल कंप्यूटर में आमतौर पर 16 KB से लेकर 128 KB तक कैश मेमोरी होती थी।
सीपीयू के कैश मेमोरी के शुरुआती उदाहरणों में 1960 के दशक में एटलस 2 कंप्यूटर और आईबीएम सिस्टम/360 मॉडल 85 में शामिल हैं। कैश मेमोरी का उपयोग करने वाले पहले CPU में कैश का केवल एक Level होता था और बाद के Level 1 कैश के विपरीत, इसे L1d (डेटा के लिए) और L1i (निर्देशों के लिए) में विभाजित नहीं किया गया था।
बिभाजित किए गए L1 कैश 1976 में IBM 801 CPU के साथ शुरू हुआ, और 1980 के दशक के अंत में मुख्यधारा की कॉम्पोनेन्ट बन गया, और 1997 में एम्बेडेड CPU बाजार में प्रवेश किया।
Intel 486 प्रोसेसर के साथ, इंटेल ने अपने CPU में Level 1 (L1) मेमोरी के रूप में 8 KB मेमोरी जोड़ी। इन सिस्टम में 256 KB तक बाहरी Level 2 (L2) कैश मेमोरी का उपयोग किया गया था।
Pentium processors ने बाहरी कैश मेमोरी को उच्च अंत पर फिर से दोगुना करके 512 KB तक कर दिए। उन्होंने इंटरनल cache memory को भी दो कैश में विभाजित किया: एक निर्देशों के लिए और दूसरा डेटा के लिए।
CPU हमेशा कंप्यूटर मेमोरी से तेज रहे हैं। तब से यह असंतुलन को बरकरार रखा गया है, क्योंकि सीपीयू और मेमोरी दोनों को समय के साथ एनहान्स किआ गया है। चूंकि समय के साथ CPU चिप पर अधिक से अधिक सर्किट को रखना संभव होते गया है, CPU और भी तेज होते जाते रहे हैं क्योंकि इंजीनियर पाइपलाइनिंग और सुपरस्केलर संचालन के लिए इन नई क्षमताओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।
कैश मेमोरी के उपयोग (Uses of Cache Memory in Hindi)
कैश मेमोरी कंप्यूटर सिस्टम की Performance के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है. कंप्यूटर सिस्टम में एक CPU का फ़ास्ट होना बहुत जरुरी होता है. कैश मेमोरी एक प्रकार से CPU की Efficacy को Improve करती है. इसके अलावा भी कैश मेमोरी के अनेक सारे उपयोग हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है,
- Cache Memory एक फ़ास्ट मेमोरी होती है जो सिस्टम के स्पीड को बढ़ाती है।
- कैश मेमोरी उन सभी डेटा को स्टोर करके रखते हैं जिसकी CPU को Frequently जरुरत पड़ती है।
- कैश मेमोरी में डेटा Temporary Store रहता है, जो डेटा किसी काम का नहीं रह जाता है कैश मेमोरी उसे Replace कर देती है।
- कैश मेमोरी CPU में ही मौजूद होती है, जिससे CPU को निर्देश जल्दी प्राप्त हो जाते हैं, इसलिए यह एक Fast Access की जाने वाले मेमोरी है।
- मुख्य मेमोरी का धीमा हो जाने के कारण CPU प्रोग्राम Execution की स्पीड को भी धीमा कर देता है, इसलिए कैश मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है ताकि Process की स्पीड बनी रहे।
कैश मेमोरी के प्रकार (Types of Cache Memory In Hindi)
परंपरागत रूप से, कैश मेमोरी को “Levels” में बांटा गया है |
- Level 1 Cache
- Level 2 Cache
- Level 3 Cache
Level 1 Cache
यह पहले लेवल का कैश मेमोरी है जिसे L1 cache या Level 1 cache के रूप में जाना जाता है। Level 1 cache मेमोरी, साइज में छोटी होती है और इसकी स्पीड काफी ज्यादा होती है | यह मेमोरी CPU के अंदर मौजूद होती है जो काफी कम मात्रा में डेटा को स्टोर करती है।
यदि CPU चार कोर वाला होता है तो हर CPU Core का अपना एक Level 1 cache मेमोरी होता है। इसकी स्पीड CPU जैसी ही होती है।
Level 1 cache मेमोरी की साइज 2KB से 64 KB होती है।
Level 1 cache memory को हम दो भागो में बाँट सकते है -:
- Instruction cache
- data cache
1.Instruction cache – यह CPU प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक इंस्ट्रक्शंस को स्टोर करने का कार्य करता है।
2. Data cache – यह CPU प्रोसेसिंग में उपयोग होने वाला डेटा को स्टोर करने का कार्य करता है।
CPU को जब कोई डेटा की जरूरत होती है तब CPU सबसे पहले Level 1 cache में उसे चेक करता है। यदि वो डेटा CPU को L1 Cache में मिल जाता है तो CPU बाकी के लेवल को चेक नहीं करता और उस डेटा को लेकर प्रोसेसिंग continue करता है।
Level 2 Cache
यह दूसरे लेवल का कैश मेमोरी है जिसे L2 cache या Level 2 cache के रूप में जाना जाता है। Level 2 cache मेमोरी, L1 cache मेमोरी से साइज में थोड़ी बड़ी होती है और इसकी स्पीड भी L1 cache मेमोरी से थोड़ी कम होती है।
Level 2 cache मेमोरी CPU के अंदर और बाहर कहीं भी मौजूद हो सकती है यदि यह CPU के बाहर होता है तो यह एक हाई स्पीड bus के द्वारा CPU से कनेक्ट होता है।
यदि CPU चार कोर वाला होता है तो हर CPU Core का अपना एक अलग Level 2 cache मेमोरी हो सकता है या फिर सभी एक ही Level 2 cache मेमोरी का उपयोग कर सकते है।
यह L1 cache मेमोरी की तुलना में थोड़ी ज्यादा मात्रा में डेटा को स्टोर करती है। Level 2 cache मेमोरी की साइज 256 KB से 512 KB होती ह है।
Level 3 Cache
यह तीसरे लेवल का कैश मेमोरी है जिसे L3 cache या Level 3 cache मेमोरी के रूप में जाना जाता है | Level 3 cache मेमोरी सभी प्रोसेसर में नहीं होता । यह कुछ high-end processors में हो सकते है
यह साइज में L1 cache और Level 2 cache से थोड़ी बड़ी होती है जिससे इसकी स्पीड भी L1 cache और Level 2 cache मेमोरी से थोड़ी कम होती है।
Level 3 cache मेमोरी का उपयोग L1 cache और Level 2 cache के परफॉरमेंस को बढ़ने के लिए उपयोग किये जाते है | Level 2 cache मेमोरी CPU के बाहर मौजूद होती है।
यदि CPU चार कोर वाला होता है तो सभी CPU Core एक ही Level 3 cache मेमोरी का उपयोग करते है। यह L1 cache और Level 2 cache मेमोरी की तुलना में थोड़ी ज्यादा मात्रा में डेटा को स्टोर करता है। Level 3 cache मेमोरी की साइज 1 MB से 8 MB होती है
Cache Memory की विशेषताएं
- Cache Memory की विशेषताओं की बात करें तो इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कैश मेमोरी बहुत ही Fast होती है।
- यह CPU को Fastly Data Access करने में मदद करती।
- यह जिस भी डिवाइस में लगी होती है उसकी Speed Increase हो जाती है।
- Cache Memory का कांसेप्ट जिस भी स्टोरेज डिवाइस में यूज़ किया गया होता है उससे Data Fetch करने में टाइम कम लगता है।
- यह मेमोरी कम अमाउंट में रहते हुए भी पूरी कंप्यूटर को Bottleneck होने से बचाती है।
कैश मेमोरी के लाभ (Advantages of Cache Memory in Hindi)
कैश मेमोरी के Advantages कुछ इस प्रकार हैं -:
- प्राइमरी मेमोरी और सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में कैश मेमोरी काफी फ़ास्ट होती है।
- यह सीपीयू द्वारा बार-बार उपयोग किए जाने वाले सभी डेटा और इंस्ट्रक्शंस को स्टोर करता है जिससे CPU की परफॉरमेंस में बढ़ोतरी होती है |
- कैश मेमोरी का डेटा access time प्राइमरी मेमोरी से कम होती है।
Cache Memory के हानि
हमारे कंप्यूटर में किसी भी फाइल की टेंप्रेरी फाइल बनने के लिए उसे स्टोरेज की जरूरत पड़ती है तो Cache मेमोरी में जितने भी टेंपररी फाइल होंगी
वह अपने आप डिलीट नहीं होगी. इसलिए उसका साइज़ बढ़ता रहेगा और इसके कारण हमारे कंप्यूटर या फोन की स्टोरेज कैपेसिटी कम हो जाती है
अगर आप समय समय पर टेंप्रेरी फाइल को डिलीट नहीं करेंगे तो आपके फोन या कंप्यूटर की मेमोरी बहुत जल्दी फुल हो जाएगी कंप्यूटर में स्टोरेज बहुत ज्यादा होती है इसलिए हमें पता नहीं चलता।
लेकिन मोबाइल में हमें ज्यादा से ज्यादा 64 GB तक स्टोरेज मिलती है जो कि बहुत जल्दी भर जाती है तो जहां तक संभव हो सके कैसे मेमोरी को ज्यादा से ज्यादा डिलीट करते रहें ताकि आपका कंप्यूटर में स्टोरेज मेमोरी ज्यादा रहे।
आशा है आपके Cache Memory की पोस्ट पूरी पढ़ी होगी आपको पोस्ट पसंद आई हो तो दोस्तो के साथ भी शेयर करे।
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