हैलो दोस्तों आज की पोस्ट में हम computer Virus के बारे में पढेगे तो आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।
कंप्यूटर वायरस क्या है?What is Computer Virus In Hindi
Computer Virus एक छोटा सा Software Program होता है।
जिसे आपके Computer, Laptop और Mobile के Operation को और Computer, Laptop और Mobile के Data को Delete करने या फिर हानी पहुंचाने (Giving Damage) के लिये बनाया जाता है।
दोस्तों जब कभी भी हम कोई New Device (Computer, Laptop और Mobile) खरीदते हैं तो शुरु में उसकी Device की जो Performance होती है वह काफी ज्यादा बढ़िया रहती हैं और हर कार्य काफी तेजी से पूरा हो जाता है।
लेकिन कुछ समय बाद ऐसा होता है कि Device (Computer, Laptop और Mobile) की Processing में थोड़ा समय लगने लगता है और पहले के मुकाबले Device (Computer, Laptop, और Mobile) थोड़ा Slow हो जाता है।
इसके पीछे दो कारण (Two Reasons) होते हैं:
1. पहला तो यह कि हमारे सभी जरुरी सॉफ्टवेयर (All Necessary Software) और डाटा (Data) device मे आ जाते है, जिससे CPU Utilization बढ़ जाता है और गति धीमी (Speed Down) हो जाती है।
2. और दूसरा तो तब होता है जब Device Virus Infected हो गया हो। तो आइए समझते है वायरस से जुडी पूरी जानकारी।
एक बात तो आप सभी जानते है की Computer का अविष्कार इंसान (Invention Man) ने किया, इस में कोई दो राये नहीं है। और जो है Computer को चलाने के लिए उसके Program को भी इंसान ने ही बनाया है।
और जैसा कि मैंने आप से पहले ही कहा, Virus भी एक छोटा सा Program है उसे भी इंसान ने ही बनाया है।
और एक सबसे जरूरी बात मैं आपको बता दूँ कि Computer Virus यह Natural नहीं है। ये अपने आप से नहीं बनता है, इसे भी Programmers ही जान बुझ कर बनाते हैं ताकि वो दुसरे Computers को जान बुझ कर ख़राब कर सकें।
और सबसे जरूरी बात Computer Virus हमारी बिना जानकारी के ही System (Computer, Laptop और Mobile) को इस तरह से ख़राब कर देते हैं, जिसे ठीक कर पाना हमारे भी बस की बात नहीं होती है।
यह बात तो आप भी जानते ही है कि Computer बहुत सारे Software Programs से ही चलता है बिना किसी भी Program के Computer काम नहीं करता है।
और जो Programmer होते है वह Computer Software Programs को सही तरह से काम करने के लिए बनाये जाते हैं और कुछ जो है Program Computer के काम को बिगाड़ने के लिए भी बनाये जाते हैं।
Computer Virus एक ऐसा Software Program का कोड (Code) होता है जिसे इलेक्ट्रॉनिक संक्रमण (Electronic Transition) के लिए तैयार (Ready) किया जाता है।
यह इस तरह से प्रोग्राम (Program) होता है कि किसी Computer, Laptop, Mobile या फिर नेटवर्क (Network) में खुद ब खुद फैलता (Spreads) जाता है और जो दूसरे सॉफ्टवेयर कोड (Other Software Code) और कंप्यूटर नेटवर्क (Computer Network) को संक्रमित (Infected) कर देता है।
कंप्यूटर वायरस का इतिहास
Robert Thomas, वो सबसे पहले engineer थे जिन्होंने BBN Technologies में काम करते वक़्त सबसे पहले computer virus को develop किया सन 1971 में.
इस पहले virus का नाम रखा गया “Creeper” virus, और ये एक experimental program था जिसे की Thomas जी खुद किया था ARPANET के mainframes को infect करने के लिए. ये Virus system को infect करने के बाद ये निम्नलिखित message screen पर display करता था, “I’m the creeper: Catch me if you can.”
जिस original wild computer virus को सबसे पहले track किया गया था पुरे computer virus के history में वो था “Elk Cloner.” ये Elk Cloner ने पहले Apple II operating systems को infect किया था वो भी floppy disks के माध्यम से. इस virus को develop किया था Richard Skrenta ने सन 1982 में, जो की उस समय एक teenager था.
माना की computer viruses को prank के हिसाब से design किया गया था, लेकिन इससे ये मालूम पड़ता है की एक malicious program को अगर computer के memory में install कर दिया जायेगा तब ये ऐसे बहुत से काम कर सकता है जो की user को system चलाने से आगे रोक भी सकता है और उनका इन malicious program के ऊपर थोडा भी control नहीं रहेगा।
इन Malicious Programs को “Computer Virus” का नाम देने वाला सबसे पहला व्यक्ति था Fred Cohen, जिन्होंने सन 1983 में ये नाम रखा था. ये नाम तब सामने आया जब उन्होंने अपने एक academic paper में इन programs का नाम titled किया था “Computer Viruses – Theory and Experiments” जहाँ की उन्होंने इन malicious programs के विषय में पूरी जानकारी लिखी थी जैसे की ये कैसे काम करता है, ये क्या कर सकता है इत्यादि.
कंप्यूटर वायरस के प्रकार (Type of Computer Virus in Hindi)
कंप्यूटर वायरस के प्रकार निम्नलिखित हैं।
- Network Virus (नेटवर्क वायरस)
- Web Scripting Virus (वेब स्क्रिप्टिंग वायरस)
- Boot Sector Virus (बूट सेक्टर वायरस)
- Overwrite Virus (ओवरराईट वायरस)
- Browser Hijacker (ब्राउज़र हाई जेकर)
- File infectors (प्रोग्राम फ़ाइल)
- Macro Virus (मैक्रो वायरस)
- Overwrite Virus (ओवरराईट वायरस)
- System or Boot-record Infectors viruses (सिस्टम और बूट रिकॉर्ड इन्फेक्टर्स वायरस)
- Rootkit Viruses (रोटकिट वायरस)
- Executable Virus (एक्सीक्यूटेबल वायरस)
- Stealth Virus (स्टील्थ वायरस)
1. Network Virus (नेटवर्क वायरस)
नेटवर्क वायरस इंटरनेट और LAN के द्वारा फैलते हैं. इन वायरस को बनाने का उद्देश्य और कार्य होता है कि नेटवर्क को Slow करना. इस प्रकार के वायरस एक नेटवर्क की Performance को ख़राब कर देते हैं. एक बार नेटवर्क में ये वायरस फ़ैल जाते हैं तो नेटवर्क कनेक्शन को स्थापित करना बहुत मुश्किल होता है.
2. Web Scripting Virus (वेब स्क्रिप्टिंग वायरस)
Web Scripting Virus सबसे अधिक प्रचलित कंप्यूटर वायरस हैं. ये विज्ञापनों, लिंक, इमेज, ऑडियो, विडियो आदि के साथ Attach रहते हैं. जब यूजर इन पर क्लिक करता है तो यह डाउनलोड होने लग जाते हैं और यूजर के कंप्यूटर में पहुँच जाते हैं. जब ये वायरस कंप्यूटर में पहुँच जाते हैं तो कंप्यूटर की Performance ख़राब होने लगती है.
3. Boot Sector Virus (बूट सेक्टर वायरस)
ये वायरस फ्लॉपी डिस्क या हार्ड डिस्क के बूट सेक्टर में मौजूद रहते हैं. जब संक्रमित डिस्क से कंप्यूटर को बूट किया जाता है तो ये वायरस कंप्यूटर में पहुँच जाते हैं. अगर ये वायरस कंप्यूटर में आ जाते हैं तो कंप्यूटर को स्टार्ट होने में बहुत समय लगता है. क्योंकि ये वायरस ऑपरेटिंग सिस्टम पर अटैक करते हैं जिससे ऑपरेटिंग सिस्टम लोड होने में अधिक समय लेता है.
4. Overwrite Virus (ओवरराईट वायरस)
वायरस का डिज़ाइन purpose भिन्न होता है और वायरस को Overwrite करना मुख्य रूप से किसी फ़ाइल या एप्लिकेशन के डेटा को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, वायरस कंप्यूटर पर हमला करने के बाद फाइलों को अपने कोड से ओवरराइट करना शुरू कर देता है। हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, ये वायरस specific files or applications को target करने या infected device पर सभी फ़ाइलों को व्यवस्थित रूप से overwrite करने में अधिक सक्षम हैं।
5. Browser Hijacker (ब्राउज़र हाई जेकर)
इस प्रकार के वायरस वेब ब्राउज़र को Hijack कर लेते हैं. ये यूजर की अनुमति के बिना ही ब्राउज़र की सेटिंग में हेर – फेर कर देते हैं जिससे कि यूजर किसी संक्रमित वेबसाइट पर पहुँच जाता है. जब ये वायरस कंप्यूटर में प्रवेश कर जाते हैं तो यूजर Address Bar में अलग URL Type करता है और वह दूसरी वेबसाइट पर पहुँच जाता है. Browser Hijacker वायरस कंप्यूटर में आ जाने से आपको अधिक विज्ञापन दिखाई देते हैं।
6. File infectors (प्रोग्राम फ़ाइल)
कुछ File infectors वायरस प्रोग्राम फ़ाइलों के साथ attached होते हैं, जैसे .com या .exe फ़ाइलें। कुछ File infectors वायरस किसी भी प्रोग्राम को infects करते हैं जिसके लिए execution का request किया जाता है, जिसमें .sys, .ovl, .prg और .mnu फ़ाइलें शामिल हैं। Consequently , जब विशेष प्रोग्राम लोड किया जाता है, तो वायरस भी लोड हो जाता है। इनके अलावा, अन्य फाइल इंफेक्टर वायरस ईमेल अटैचमेंट में भेजे गए पूरी तरह से शामिल program या script के रूप में आते हैं।
7. Macro Virus (मैक्रो वायरस)
Macro Virus कमांड का एक सेट होता है। जिसका उपयोग उस कमांड को दोहराने के लिए किया जाता है। Macro Virus माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सेल, पावरप्वाॅइंट जैसी ऐप्लिकेशन Software को संक्रमित करता है। इस Virus को किसी डॉक्युमेंट फाइल से जोड़कर ई-मेल आदि के माध्यम से अन्य कंप्यूटर में प्रवेश कराया जाता है।
8. Overwrite Virus (ओवरराईट वायरस)
वायरस का डिज़ाइन purpose भिन्न होता है और वायरस को Overwrite करना मुख्य रूप से किसी फ़ाइल या एप्लिकेशन के डेटा को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, वायरस कंप्यूटर पर हमला करने के बाद फाइलों को अपने कोड से ओवरराइट करना शुरू कर देता है। हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, ये वायरस specific files or applications को target करने या infected device पर सभी फ़ाइलों को व्यवस्थित रूप से overwrite करने में अधिक सक्षम हैं।
9. System or Boot-record Infectors viruses (सिस्टम और बूट रिकॉर्ड इन्फेक्टर्स वायरस)
Boot-record Infectors disk पर specific system areas में पाए जाने वाले executable योग्य code को infect करते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, वे USB thumb drives और diskettes पर DOS boot सेक्टर या हार्ड डिस्क पर मास्टर boot रिकॉर्ड से जुड़ते हैं। boot वायरस इन दिनों आम नहीं हैं क्योंकि Latest device physical storage media पर कम निर्भर हैं।
10. Rootkit Viruses (रोटकिट वायरस)
Rootkit Viruses एक malware प्रकार है जो एक infected system पर secret रूप से एक illegal rootkit स्थापित करता है। यह attacker के लिए दरवाजा खोलता है और उन्हें सिस्टम पर पूरा नियंत्रण देता है। attacker कार्यों और कार्यक्रमों को मौलिक रूप से संशोधित या अक्षम करने में सक्षम होगा। अन्य sophisticated viruses की तरह, Rootkit वायरस भी एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को बायपास करने के लिए बनाया गया है। प्रमुख antivirus और antimalware programs के latest versions में rootkit scanning शामिल है।
11. Executable Virus (एक्सीक्यूटेबल वायरस)
यह non-resident कंप्यूटर वायरस है जो executable फाइलों में मौजूद होता है। जब infected फाइलों को execute किया जाता है तब यह वायरस Active हो जाता है।
12. Stealth Virus (स्टील्थ वायरस)
यह एक प्रकार का hidden (छुपा हुआ) virus है जो ऑपरेटिंग सिस्टम की प्रक्रियाओं को Infect करता है। इस वायरस को पहचानना मुश्किल होता है क्योकि यह वायरस अपने आपको फाइलों और बूट सेक्टर में छुपा लेता है।
Computer Virus के कार्य
शुरुआत में जब Computer Virus बना था। तब किसी नहीं सोचा था कि यह एक Virus है। लोग इसे शुरुआत में Prank करने के लिए उपयोग करते थे। किन्तु दिन प्रतिदिन यह और अधिक विकसित होते गया। आज ऐसे ऐसे Computer Virus मौजूद है। जो कुछ ही पलो में कंप्यूटर को Currupt कर सकता है।
यदि इसके कार्य की बात किया जाए। तब यह शुरुआत Prank करने के लिए था। किंतु आज इसका उपयोग या फिर इसका कार्य कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाना है। कंप्यूटर के कार्य प्रणाली में बाधा उत्पन्न करना है।
Computer Virus के नाम
क्रीपर Virus से शुरुआत होकर। आज तक बहुत सारे Computer Virus बनाए गए। जिसने अभी तक बहुत सारे Computer Virus को क्षतिग्रस्त भी किया है। लेकिन यहाँ हम कुछ पॉपुलर Computer Virus के नाम जानेंगे। जिसने बहुत अधिक पॉपुलैरिटी हासिल करने के साथ कंप्यूटर को अधिक क्षति भी किया है।
- Mebroot Virus
- Leap Virus
- Conficker Virus
- Beast Trojan Horse Virus
- My Doom Virus
- I Love You Virus
Computer Virus से कंप्यूटर को सुरक्षित कैसे रखें
Computer Virus जान बुझकर कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया जाता है। यह छोटे-छोटे कंप्यूटर Program होते हैं। यह सिर्फ और सिर्फ कंप्यूटर को क्षति ही करता है।
प्रत्येक कंप्यूटर उपयोगकर्ता के लिए यह चिंता का विषय है। लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ Computer Virus का ही विकास हुआ है। Computer Virus को रोकने और नाकाम करने के लिए Antivirus का भी विकास किया गया है।
आज बहुत सारे Antivirus उपलब्ध है। जो Computer Virus से हमारे कंप्यूटर को सुरक्षित रखता है। यह एक Software होता है। Computer Virus को नाकाम करने के लिए कंप्यूटर में Antivirus को Install कर सकते हैं।
Antivirus कंप्यूटर सिस्टम को Computer Virus से सुरक्षित रखता है। यदि कंप्यूटर सिस्टम में Virus आ भी जाता है। तब यह आपको सूचित भी करेगा। चलिए अब जानते हैं। Computer Virus से कंप्यूटर को सुरक्षित रखने के टिप्स।
- कंप्यूटर में हमेशा एक अच्छा Antivirus Installed रखें।
- Antivirus को समय समय पर Update भी करना चाहिए।
- किसी Unknown ई-मेल को ना खोलें। उसमें शेयर फाइल को ना तो खोलें और ना ही डाउनलोड करे।
- किसी भी Illegal वेबसाइट से कुछ भी डाउनलोड ना करे।
- हमेशा Trusted वेबसाइट पर ही Visit करे।
- कंप्यूटर सिस्टम में Pendrive या मैमोरी का उपयोग करने से पहले Scan कर लें। Safe रहने पर Use करे।
- बिना सोचे समझे ऐसे ही किसी विज्ञापन पर Click ना करे।
कंप्यूटर में वायरस का आना
वायरस अविश्वस्नीय साइटों से अनुप्रयोग डाउनलोड कर, एक निराकरणीय माध्यम जैसे यूएसबी, सीडी, डीवीडी के द्वारा और फ़ाइलों को एक संक्रमित कंप्यूटर से दूसरे पर साझा करने से एक कंप्यूटर में स्थापित किया जा सकता, वायरस ई-मेल के साथ संलग्नक के द्वारा भी आ सकता है।
ई-मेल अनुलग्नकों को खोलने के द्वारा
जब भी आप ई-मेल संलग्नक के माध्यम से प्राप्त की .exe, vbs, shs, pif, cmd के विस्तार के साथ की फाइल डाउनलोड करते हैं। आपके सिस्टम में वायरस आने की संभावना हो सकती है। कभी कभी संलग्नकों में डबल एक्सटेंशन के साथ एक निष्पादन योग्य कोड जैसे hi.doc.exe. होता है। यदि आप ऐसे प्रकार की फ़ाइलों को खोलेंगे, वायरस आपके सिस्टम में प्रवेश कर लेगा।
- टिप! फाइलों के एक्सटेंशन की जाँच करें और सदा डाउनलोड करने से पहले आप संलग्न फ़ाइलें स्कैन कर लें।
- अविश्वसनीय साइटों से फाइलें डाउनलोड कर के
- सामान्यतया, वायरस फ़ाइलें या कार्यक्रम में छिपा होता है और जब भी आप अविश्वस्त वेबसाइट से सॉफ्टवेयर या अनुप्रयोग डाउनलोड करते हैं वह आपके सिस्टम में घुस जाता है।
- टिप! ब्राउज़र को केवल विश्वसनीय वेब साइटों से ही वेब पेज खोलने पर सेट करें।
- निराकरणीय माध्यम से
- जब भी आप संक्रमित निराकरणीय माध्यम जैसे यूएसबी, सीडी, डीवीडी ड्राइव से फाइलें कॉपी या डाउनलोड करते हैं वायरस आपके सिस्टम में घुस सकता है।
- टिप! सदैव निराकरणीय माध्यम खोलने से पहले उसे स्कैन कर लें।
- खेल डाउनलोड करते समय
- जब आप अपने कंप्यूटर पर एक खेल डाउनलोड या स्थापित करने का प्रयास कर रहे हों वायरस और वर्म्स आपकी सिस्टम में प्रवेश कर सकते हैं। दुर्भावनापूर्ण प्रोग्राम आपकी डाउनलोड की गई फ़ाइलों में छिपा हो सकता है।
- टिप! फ़ाइलों को साझा करने से पहले और बाद में और अन्य कंप्यूटर से डाउनलोड कर के, सदा फ़ाइल को स्कैन करें।
- फ़ाइलें साझा कर के
- जब कभी आप एक संक्रमित कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर फ़ाइलें साझा करेंगे वायरस आपके सिस्टम में स्थापित हो जाएगा।
- टिप! फ़ाइल साझा करने से पहले फ़ाइल स्कैन करें।
कंप्यूटर वायरस के लक्षण (Symptoms of Computer Virus in Hindi)
कंप्यूटर वायरस को नीचे दिए गये लक्षणों के आधार पर पहचाना जा सकता है:-
1. कंप्यूटर की speed का धीमा होना
यदि यूजर को कंप्यूटर को open और close करने में ज्यादा समय का वक़्त लग रहा है या computer में मौजूद फाइल, सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम को open होने में ज्यादा समय का वक़्त लग रहा है। तो कंप्यूटर में वायरस हो सकता है जिसने कंप्यूटर के कार्य करने की speed को कम कर दिया है।
2. हार्ड ड्राइव में दिक्कत
यदि यूजर हार्ड-ड्राइव का इस्तेमाल नहीं कर रहे हों फिर भी उसमें यदि कोई गतिविधि हो रही हो और हार्ड-ड्राइव में अपने-आप ही बदलाव हो रहे हों तो कंप्यूटर में वायरस हो सकता है.
3. कंप्यूटर का लगातार crash होना
जब यूजर कंप्यूटर में गेम खेल रहा होता है या वीडियो देख रहा होता है तो उसे कंप्यूटर में नीली कलर की screen दिखाई देती है जो सिस्टम के crash होने के कारण दिखती है। यह भी एक प्रकार का वायरस का symptom है।
4. अनचाहा प्रोग्राम
जब यूजर अपने कंप्यूटर को open करता है तो कुछ प्रोग्राम अपने-आप open हो जाते है जिन्हे Unwanted program (अनचाहा प्रोग्राम) कहते है। यह भी वायरस के कारण होता है.
5. असामान्य गतिविधियां
इस स्थिति में कंप्यूटर अचनाक से बंद हो जाता है, ऑपरेटिंग सिस्टम सही तरीके से काम नहीं कर पाता, software और hardware में खराबी आ जाती है।
6. सुरक्षा में गडबडी
इस स्थिति में Antivirus कंप्यूटर में मौजूद वायरस के कारण सही तरीके से काम नहीं कर पाता।
7. नेटवर्क की समस्या
इसमें यूजर को नेटवर्क से सबंधित समस्याओ का सामना करना पड़ता है। जैसे (इंटरनेट काम ना करना , इंटरनेट slow चलना और सिस्टम को इंटरनेट से connect करने में समस्या का सामना करना)
8. डिस्प्ले की परेशानी
जब कंप्यूटर की display में अलग अलग प्रकार के रंग दिखाई देते है उस समस्या को Display problem कहते है। यह भी वायरस का एक संकेत है।
9. Dialog Box
इस स्थिति में कंप्यूटर की स्क्रीन में कई सारे dialog box दिखने लगते है। यह एक प्रकार का Box होता है जिसका प्रयोग यूजर से input प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
10. प्रिंटर की समस्या
इस स्थिति में printer कमांड के बिना documents को print करने लगता है।
आशा है आपको Computer Virus की पोस्ट पूरी पढ़ ली होगी पोस्ट पसंद आई हो तो दोस्तो के साथ भी शेयर करें।
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