Battery क्या है इतिहास, प्रकार और उपयोग

Battery एक या एक से अधिक सैल का कलेक्शन होती है जिनकी केमिकल रिएक्शन की वजह से सर्किट में इलेक्ट्रॉन्स का प्रवाह होता है। सभी बैटरी 3 बेसिक कंपोनेंट्स से बनी होती है जो कि एनोड, कैथोड और एक किस्म का इलेक्ट्रोलाइट होता है यानी Battery Amal होता है। Electrolight एनोड और कैथोड के साथ केमिकल रिएक्शन करता है।

जब बैटरी के एनोड और कैथोड सर्किट से जुड़ते हैं तब एनोड और इलेक्ट्रोलाइट के बीच केमिकल रिएक्शन उत्पन्न होती है। इस रिएक्शन की वजह से सर्किट में इलेक्ट्रॉन्स का बहाव शुरू हो जाता है और वह कैथोड में जाते हैं जहां एक और केमिकल रिएक्शन होती है। जब कैथोड और एनोड का द्रव खत्म हो जाता है या किसी भी रिएक्शन को करने में सक्षम नहीं होते तो उस समय बैटरी इलेक्ट्रिसिटी को बनाना बंद कर देती है। उस समय बैटरी को डेड घोषित कर दिया जाता है।

Battery क्या है?

Battery एक चार्जिंग डिवाइस है जिसका उपयोग Leptop, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक गीजर, फ्लैशलाइट, इलेक्ट्रिक वाहन आदि जैसे अनेक उपकरणों को बिजली देने के लिए किया जाता है।

बैटरी में कैथोड और एनोड नाम के दो टर्मिनल होते हैं कैथोड धनात्मक टर्मिनल होता है, जबकि एनोड ऋणात्मक टर्मिनल होता है।

इलेक्ट्रॉनों में ऋणात्मक आवेश होता है। इसलिए बैटरी का ऋणात्मक टर्मिनल Source Of Electrons होता है। 

जब हम बाहरी सर्किटरी को बैटरी के टर्मिनलों से जोड़ते हैं, तो इलेक्ट्रॉन ऋणात्मक से धनात्मक टर्मिनल की ओर Flow होता हैं। Reaction होता है, और Battery की Chemical Energy को Electric Current के रूप में कनेक्टेड सर्किटरी तक पहुंचाया जाता है।

बैटरी विभिन्न डिजाइनों और आकारों में आती है। कुछ छोटी बैटरी सेल का उपयोग घड़ियों में या रिमोट सेल के रूप में किया जाता है।

कलाई घड़ी या मोबाइल फोन चार्जर में पतले Cells का उपयोग किया जाता है। गाड़ियों में बड़ी लिथियम एसिड बैटरी होती है, जबकि बड़े कमरे जैसे Battery Computer Data Centre के लिए उपयोग किए जाते हैं।

बैटरी का इतिहास

1799 मे इटालियन वैज्ञानिक अलेसांद्रो वोल्टा ने बैटरी की खोज की थी। जिसे इन्होंने वोल्टिक पाइल का नाम दिया था। वोल्टिक पाइल में तांबे और जिंक के जोड़े का इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें एक दूसरे के ऊपर रख दिया जाता है और इनको एक ब्राइन (जो कि एक इलेक्ट्रोलाइट का काम करता है) में भीगे हुए कपड़े या कार्डबोर्ड से अलग किया जाता है।

वोल्टिक पाइल ने सर्वप्रथम निरंतर बिजली और स्थिर प्रवाह का उत्पादन किया। हालांकि इसके शुरुआती मॉडल स्पार्क का उत्पादन करने के लिए पर्याप्त वोल्टेज नहीं बना सके। इन्होंने विभिन्न धातुओं का इस्तेमाल किया लेकिन इन्हें सबसे ज्यादा सफलता चांदी और जिंक के साथ मिली।

बैटरी के भाग

बैटरी मुख्यतः तीन भागों से बनी होती है

  • एनोड: एनोड बैटरी का ऋणात्मक आवेशित भाग है।
  • कैथोड: कैथोड बैटरी का धनात्मक आवेशित भाग है। 
  • इलेक्ट्रोलाइट: इलेक्ट्रोलाइट एक पेस्ट जैसा पदार्थ है जिसका उपयोग एनोड को कैथोड से अलग करने के लिए किया जाता है और यह रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करने में मदद करता है।

बैटरी के प्रकार

बैटरी दो प्रकार की होती है।

प्राइमरी बैटरी

प्राइमरी बैटरी वे प्रकार की बैटरी होती है जिनको एक बार इस्तेमाल करने के बाद फिर से रिचार्ज नहीं किया जा सकता। प्राइमरी बैटरी इलेक्ट्रोकेमिकल सेल से बनी होती है जोकि इलेक्ट्रोकेमिकल रिएक्शन के बाद रिवर्स नहीं हो सकती।

प्राइमरी बैटरीज कई रूपों में उपलब्ध है जिनमें हाथ घड़ियों में लगने वाले सेल और रिमोट में लगने वाली AA बैटरीज प्रमुख हैं। इन बैटरियों का मुख्य तौर पर इस्तेमाल उन एप्लीकेशन में होता है जिनमें चार्जिंग अव्यवहारिक या असंभव होती है। प्राइमरी बैटरी मे कुछ विशिष्ट ऊर्जा होती है और जिन उपकरणों में इस बैटरी का इस्तेमाल होता है उनको इस प्रकार से डिजाइन किया जाता है कि वह इस बैटरी से कम से कम ऊर्जा ले ताकि यह काफी समय तक साथ दे सके।

इस बैटरी के कुछ प्रमुख उदाहरण रिमोट कंट्रोल, पेसमेकर, हाथ घड़ी और बच्चों के खिलौने हैं।

प्राइमरी बैटरी के कुछ प्रकार –

लैकलाशे बैटरी – इसका उपयोग रिमोट, खिलौनों, रेडियो इत्यादि में किया जाता है

मर्करी बैटरी – इसका उपयोग मुख्यतः घडी, बच्चों के छोटे खिलौनों मे किया जाता है

सेकेंडरी बैटरी

सेकेंडरी बैटरी वह बैटरी होती हैं जिनमें इलेक्ट्रोकेमिकल सेल मौजूद होते हैं और इनके द्वारा करी गई केमिकल रिएक्शन को हल्की सी वोल्टेज के मदद से रिवर्स किया जा सकता है। जिस वजह से इसे रिचार्जेबल बैटरी भी कहा जाता है । सेकेंडरी बैटरी का इस्तेमाल ऐसे उपकरणों में होता है जहां प्राइमरी बैटरी का इस्तेमाल करना काफी महंगा या अव्यवहारिक होता है। छोटी क्षमता की सेकेंडरी बैटरी का इस्तेमाल स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने के लिए किया जाता है।

जबकि बड़ी क्षमता वाली सेकेंडरी बैटरी का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने के लिए होता है। इनवर्टर के साथ-साथ इनका उपयोग भी बिजली की सप्लाई करने के लिए किया जाता है। रिचार्जेबल बैटरी को बनाने का खर्चा प्राइमरी बैटरी से काफी अधिक होता है लेकिन दीर्घअवधि के लिए देखा जाए तो यह प्राइमरी बैटरी से काफी सस्ती होती है।

सेकेंडरी बैटरी को इसकी केमिस्ट्री के आधार पर कई प्रकारों में विभाजित किया गया है। यह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी केमिस्ट्री की वजह से ही बैटरी की कुछ विशेषताएं जैसे कीमत, ऊर्जा, जीवन चक्र आदि का पता चलता है।

सेकेंडरी बैटरी मुख्य तौर पर चार भागों में विभाजित है।

लिथियम आयन

लिथियम आयन बैटरी रिचार्जेबल बैटरी में सबसे प्रचलित है। इनका इस्तेमाल कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है जिनमें स्मार्टफोन और घर के सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण प्रमुख है। यह काफी हल्की होती है और इसका backup power बहुत अच्छा होता है जिस वजह से उसका इस्तेमाल एयरोस्पेस और मिलिट्री उपकरण बनाने में भी किया जाता है। 2019 में जॉन बी गुडइनफ, एम  स्टैनली विटिंगम और अकीरा योशिनो को इस बैटरी की खोज के लिए रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार के अवार्ड से सम्मानित किया गया। 97 वर्षीय प्रोफेसर गुडइनफ नोबेल पुरस्कार के इतिहास में इसे जीतने वाले सबसे ज्यादा उम्र के वैज्ञानिक बने।

उपयोग – लिथियम आयन बैटरी का उपयोग मोबाइल, लेपटॉप मे मुख्य रूप से किया जाता है परंतु आज कल इसका उपयोग गाड़ियों, वाहनो मे किया जाता है ये आकर मे छोटी होने मे कारण इनको आपस मे जोड़ कर बड़ी बैटरी के रूप मे इसका उपयोग किया जाता है यह धीरे धीरे सिसा संचायक बैटरी की जगह ले रही है

निकल कैडमियम बैट्ररी

निकल कैडमियम बैटरी रिचार्जेबल बैटरी का एक प्रकार होता है जिसे इलेक्ट्रोड के रूप में निकल ऑक्साइड हाइड्रोक्साइड और मेटल कैडमियम का उपयोग करके बनाया जाता है। निकल कैडमियम बैटरी उपयोग में नहीं होने पर वोल्टेज और चार्ज को बनाए रखने में काफी उत्तम मानी जाती है।

अन्य रिचार्जेबल बैटरी के साथ इसकी तुलना करी जाए तो यह कम तापमान में काफी अच्छा प्रदर्शन करती है और इसका जीवन चक्र भी कम तापमान में काफी बेहतर माना जाता है। निकल कैडमियम बैटरी का इस्तेमाल अलग-अलग उपयोग मे किया जाता है या इसे दो या दो से अधिक के रूप में इकट्ठा करके इस्तेमाल में लिया जाता है।

इस बैटरी का इस्तेमाल पोर्टेबल उपकरण इलेक्ट्रॉनिक्स और बच्चों के खिलौनों में किया जाता है। इसके अलावा इसकी बड़ी बैटरी का इस्तेमाल विमान को शुरू करने मे, इलेक्ट्रिक गाड़ियों में और स्टैंडबाय बिजली की आपूर्ति के तौर पर किया जाता है।

निकल मेटल हाइड्राइड बैटरी

यह रिचार्जेबल बैटरी का एक और प्रकार है। इसके पॉजिटिव इलेक्ट्रोड में केमिकल रिएक्शन निकल कैडमियम सेल के समान ही होती है क्योंकि यह दोनों एक ही प्रकार के निकल ऑक्साइड हाइड्रोक्साइड का उपयोग करते हैं। हालांकि निकल मेटल हाइड्राइड अपने नेगेटिव इलेक्ट्रोड के तौर पर कैडमियम के बजाय हाइड्रोजन को सोखने वाले एलॉय का इस्तेमाल करता है। ये बैटरी काफी लचीली होती है और इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है की ये 15 मिनट मे 70 – 80% चार्ज हो जाती है

लेड एसिड बैटरी

लेड एसिड बैटरी का इस्तेमाल भारी काम करने वाली मशीनों में किया जाता है क्योंकि यह कम लागत की होने के अलावा काफी विश्वसनीय होती हैं। इनका आकार काफी विशाल होता है और इनके ज्यादा वजन के कारण इनका इस्तेमाल सौर पैनल, वाहन इग्निशन, पावर बैकअप के तौर पर इस्तेमाल में लिया जाता है। लेड एसिड बैटरी रिचार्जेबल बैटरी में सबसे पुराना प्रकार है और यह आज भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

इसके मुख्य उपयोग जनरेटर को शुरू करने के लिए स्टार्टिंग पावर देने मे ,इमरजेंसी में पावर सप्लाई करने के लिए

Battery को Storage कैसे करे

जब भी हम किसी बैटरी को स्टोर करना चाहें, तो उसे डिवाइस से हटा दें और किसी ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर कर लें। किसी भी प्रकार की Battery को Freeze करने की कोशिश न करें। 

हम जानते हैं कि बैटरी स्टोरेज से Charge Loss होता है इसलिए हमें हमेशा बैटरी का उपयोग करने से पहले उसके Specific Gravity और वोल्टेज की जांच करनी चाहिए। जिस Battery की Charge State 70 प्रतिशत से कम हो जाती है उसे चार्ज करने की आवश्यकता होती है।

अब, बैटरियों के प्रकार और Duration के बारे में चर्चा करते हैं जिसके लिए इसे Store किया जा सकता है।

  • लिथियम बैटरी का Storage लगभग 10 वर्षों की अवधि तक चल सकता है। चार्ज लॉस होगा, लेकिन कम।
  • निकेल-आधारित बैटरी का Storage 3 से 5 वर्ष तक हो सकता है। इसे जीरो वोल्टेज पर भी स्टोर किया जा सकता है। ऐसी बैटरियों की चार्ज स्टेट लगभग 40 प्रतिशत होनी चाहिए।
  • Alkaline और अन्य प्रकार की प्राथमिक बैटरियों को स्टोर करना आसान होता है। लेकिन, Humidity लगभग 50 प्रतिशत होनी चाहिए। ऐसी बैटरियों को फ्रीज़ करने से उस बैटरी की Molecular Structure में परिवर्तन हो सकता है।
  • लिथियम-आधारित प्राथमिक बैटरी को उनके Storage के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
  • Sealed Acid Battery बैटरी का Storage शर्तों के आधार पर अधिकतम दो वर्ष की अवधि तक चल सकता है।

Battery कैसे काम करती है

बैटरी का उपयोग विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है। विद्युत प्रवाह एक चालक पथ से इलेक्ट्रॉनों की गति द्वारा उत्पन्न होता है। इसलिए इलेक्ट्रॉन द्वारा अपनाए गए पथ को परिपथ कहते हैं।

बैटरी में एक एनोड, कैथोड और इलेक्ट्रोलाइट होता है। चूँकि एनोड ऋणात्मक आवेशित होता है, इसका अर्थ है कि इसमें कैथोड से अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं।

इसलिए, एनोड से इलेक्ट्रॉन कैथोड की ओर प्रवाहित होते हैं एक इलेक्ट्रोड से दूसरे इलेक्ट्रोड तक इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह के कारण विद्युत धारा उत्पन्न होती है।

Battery के उपयोग

हमारे दैनिक जीवन में बैटरी के कुछ प्रमुख उपयोग यहां दिए गए हैं।

घर में बैटरी का उपयोग

हमारे घर में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों में बैटरी का इस्तेमाल होता है। Remote Control, Torch, Wall Clock, Flashlight, Hearing Aids आदि जैसी चीजों को बिजली देने के लिए बैटरियों का उपयोग किया जाता है। 

रिचार्जेबल बैटरी का उपयोग विभिन्न उपकरणों जैसे डिजिटल कैमरा, मोबाइल फोन, गाड़ियों की बैटरी, वीडियो गेम डिवाइस, रिमोट कंट्रोल कार, घरेलू रखरखाव उपकरण और कई अन्य में भी किया जाता है।

चिकित्सा में बैटरी का उपयोग

Hospital, Health Center और अन्य Emergency Services काफी हद तक Battery पर निर्भर करती हैं। ठीक से काम करने के लिए Electrocardiogram, Electrocardiography, Infusion Pumps, Glucose Meters और अन्य Testing Kits जैसे उपकरण बनाने के लिए बैटरियों की आवश्यकता होती है।

Medical Industry में निकल-कैडमियम Battery और लिथियम-आयन Battery का अत्यधिक उपयोग किया जाता है क्योंकि उन्हें रिचार्ज किया जा सकता है।

आपातकाल में बैटरी का उपयोग

रेडियो एक Emergency Responder का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है। यह उन जगहों पर संचार के आसान तरीके के रूप में काम करते हैं जहां खतरा बना रहता है।

ये रेडियो High Quality वाली बड़ी बैटरी द्वारा संचालित होते हैं, जो भारी मात्रा में चार्ज करने में सक्षम होते हैं।

अन्य उपकरण जैसे ECG Monitor, Metal Detectors और Flashlight बैटरी द्वारा संचालित होते हैं। लोगों की जान बचाने के लिए ये डिवाइस बेहद जरूरी हैं।

सेना में बैटरी का उपयोग

Military Environment में इनका उपयोग कई तरह से किया जाता है। बैटरियों का उपयोग Radio Communication, Night Vision Device, Radar Communication, Optical Equipment और विभिन्न अन्य Field Device को Energy प्रदान करने के लिए किया जाता है जो काम को आसान और सुरक्षित बनाते हैं।

इलेक्ट्रिक वाहन में उपयोग

Electric Vehicles में उपयोग की जाने वाली बैटरियों को Electric Vehicle Battery (EVB) (या Traction Battery) कहा जाता है।

Electric Vehicles की Battery आमतौर पर रिचार्जेबल (सेकेंडरी) बैटरी होती हैं, और आमतौर पर लिथियम-आयन Battery का उपयोग किया जाता है। इन बैटरियों को विशेष रूप से High Output Ampere Hour (या Kilowatt Hour) क्षमता के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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