हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is UPS in Hindi (यूपीएस क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
UPS क्या है?
• UPS का पूरा नाम Uninterruptible Power Supply (अनइंटरप्टिबल पावर सप्लाई) होता है
• UPS एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो बिजली के चले जाने पर कंप्यूटर को बिजली प्रदान करता है, अर्थात् यह बिजली के चले जाने पर बैकअप बैटरी के रूप में काम करता है.
• दूसरे शब्दों में कहें तो, “यूपीएस एक डिवाइस है जो बिजली के चले जाने पर कंप्यूटर सिस्टम को थोड़ी देर तक चालू रख सकता है”।
• यूपीएस के अन्दर एक बैटरी लगी होती है जो कि 20 से 40 मिनट तक पॉवर दे सकती है।
• उदाहरण के लिए– माना कि हम अपने कंप्यूटर में काम कर रहे हैं और अचानक बिजली चली जाए तो हमारा कंप्यूटर बंद हो जायेगा, और हम जो काम कंप्यूटर में कर रहे हैं वह भी डिलीट हो जायेगा. ऐसी स्थिति से बचने के लिए कंप्यूटर में UPS का इस्तेमाल किया जाता है ताकि बिजली चले जाने पर भी हमारा कंप्यूटर बंद ना हो और हम अपना काम पूरा कर सकें.
• UPS एक स्टोरेज डिवाइस होता है जो बिजली को स्टोर करता है ताकि बिजली ना रहने पर यूजर स्टोर की हुई बिजली का उपयोग कर सके।
• UPS का इस्तेमाल आपातकालीन स्थिति में पॉवर सप्लाई के लिए किया जाता है.
• यूपीएस लगातार कंप्यूटर के साथ कनेक्शन स्थापित (establish) करके रखता है जिसकी वजह से यह कंप्यूटर को बंद नहीं होने देता। यदि अचानक से बिजली चली भी जाती है तब भी कंप्यूटर बंद नहीं होता।
• इसके अलावा UPS यूजर के कंप्यूटर को जल्दी खराब होने से भी बचाता है क्योंकि यदि कंप्यूटर बार-बार अचानक से बंद होगा तो वह जल्दी खराब हो जायेगा या उस कंप्यूटर की window चली जाएगी।
• यूपीएस के अन्दर एक बैटरी लगी होती है जो की 20-40 मिनट तक पॉवर दे सकती है ।
• बाजार में अलग-अलग साइज़ के UPS उपलब्ध होते हैं पर आमतौर पर इसका आकार आयताकार होता है. यूपीएस में डिवाइस को on और off का करने का बटन होता है.
• इस डिवाइस का उपयोग ज्यादतर उन लोगो के द्वारा किया जाता है जिनके घरो में बिजली जाने का खतरा बना रहता है।

UPS के प्रकार
UPS के मुख्य रूप से 3 प्रकार होते हैं:-
- Standby UPS
- Line Interactive UPS
- Online UPS
1- Standby UPS (स्टैंडबाई यूपीएस)
Standby UPS को ऑफलाइन यूपीएस भी कहते हैं. इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से घरों में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर में किया जाता है.
यह एक प्रकार का UPS है जो बिजली चले जाने पर ऑटोमेटिक चालू हो जाता है। इस यूपीएस को खरीदने में कम पैसा लगता है और यह कम फीचर देता है।
2- Line Interactive UPS (लाइन इंटरैक्टिव यूपीएस)
लाइन इंटरैक्टिव UPS का डिज़ाइन ऑफलाइन UPS की तरह ही होता है. यह भी बिजली चले जाने पर आटोमेटिक चालू हो जाता है और कंप्यूटर को बिजली देता है।
यह ऑफलाइन यूपीएस की तुलना में अधिक महंगा होता है। हालांकि ऑनलाइन UPS की तुलना में लाइन इंटरएक्टिव UPS सस्ता होता है।
लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस का इस्तेमाल ज्यादातर छोटे बिज़नस में किया जाता है।
3- Online UPS (ऑनलाइन यूपीएस)
ऑनलाइन यूपीएस एक ऐसा UPS है जिसमे डबल या डेल्टा कन्वर्जन तकनीक का उपयोग किया जाता है। इस UPS में DC पावर बनाने के लिए AC पावर को रेक्टिफायर में ले जाया जाता है।
यह एक लोकप्रिय UPS है जिसका उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। यह स्टैंडबाय यूपीएस और लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस की तुलना में अधिक महंगा होता है।
UPS के कार्य
यूपीएस निम्नलिखित कार्यों को पूरा करता है:-
1:- यदि अचानक से बिजली चले जाए तो कंप्यूटर को इससे नुकसान पहुँचता है, इसलिए UPS का काम कंप्यूटर को सुरक्षा प्रदान करना होता है.
2:- यूपीएस का काम वोल्टेज को स्थिर करना होता है, अर्थात यह वोल्टेज को कम या ज्यादा होने से बचाता है.
3:- इसका काम बिजली चले जाने पर कंप्यूटर को बिजली सप्लाई करने का होता है.
4:- यह शार्ट सर्किट होने से बचाता है.
5:- बिजली ना होने पर कंप्यूटर को सही ढंग से बंद करने का काम यूपीएस का होता है.
6:- कंप्यूटर में खराबी आने पर यह यूजर को अलर्ट करता है.
7:- यह बिजली को मॉनिटर करता है.
UPS के Parts
एक यूपीएस निम्नलिखित चार भागों से मिलकर बना होता है:-
1- Rectifier (रेक्टिफायर)
रेक्टिफायर UPS का एक महत्वपूर्ण भाग होता है जिसका इस्तेमाल AC (अल्टरनेटिंग करंट) को DC (डायरेक्ट करंट) में बदलने के लिए किया जाता है। रेक्टिफायर UPS की बैटरी को चार्ज भी करता है।
2- Battery (बैटरी)
बैटरी UPS का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है क्योकि बैटरी की मदद से ही UPS कंप्यूटर को बिजली प्रदान कर पाता है। बैटरी एक स्टोरेज डिवाइस की तरह होती है जहां बिजली को स्टोर किया जाता है।
छोटे UPS में छोटी बैटरी का उपयोग किया जाता है जबकि बड़े UPS में बैटरी का आकार बड़ा होता है।
3- Inverter (इन्वर्टर)
इन्वर्टर एक इलेक्ट्रिकल डिवाइस है जो रेक्टिफायर के विपरीत काम करता है. इन्वर्टर का कार्य DC को AC में बदलने का होता है।
4- Static Bypass Switch (स्टेटिक बायपास स्विच)
यह एक प्रकार का स्विच है जिसका उपयोग उस समय किया जाता है जब UPS विफल हो गया हो। यदि किसी कारण UPS काम नहीं कर पा रहा है तो उस स्थिति में यह switch रेक्टिफायर, इनवर्टर और बैटरी को बायपास करके बिजली की पूर्ति करता है।
UPS के लाभ
इसके निम्नलिखित लाभ होते है :-
1- यूपीएस कंप्यूटर में प्रवाहित हो रही बिजली को नियंत्रित (control) करता है।
2- यह लगातार बिना रुके काम करता है। यदि किसी कारण बिजली चली भी जाती है तब भी यूपीएस लगातार काम करता रहता है।
3- यह आपके डेटा को खोने से बचाता है। यह बिजली चले जाने पर आटोमेटिक चालू हो जाता है जिसकी वजह से आपका कंप्यूटर बंद नहीं होता है और जिससे डेटा को कोई नुकसान नहीं पहुँचता।
4- बिजली चले जाने पर यह बिना कोई समय गवाएं आटोमेटिक चालू हो जाता है जिसकी वजह से आपका कंप्यूटर बंद नहीं होता है।
5- यूपीएस अलग अलग आकार में आते है। ग्राहक अपनी इच्छा अनुसार यूपीएस को खरीद सकते है।
6- यूपीएस का मूल्य कम होता है। ग्राहक कम पैसों में इसको खरीद सकते है।
UPS के नुकसान
इसके नुकसान नीचे दिए गये हैं:-
1- सभी यूपीएस सस्ते नहीं होते। उदहारण के यदि आप online UPS का उपयोग करते है तो यह आपके लिए महंगा साबित हो सकता है।
2- यूपीएस का उपयोग हम ज्यादा देर के लिए नहीं कर सकते है। यह केवल थोड़ी देर तक कंप्यूटर को बिजली प्रदान कर सकता है।
3- यूपीएस को मेन्टेन करने में काफी खर्चा आता है।
4:- यूपीएस की बैटरी जल्दी ख़राब हो जाती है.
5:- इसकी बैटरी को लम्बे समय तक चार्ज करके रखना पड़ता है.
UPS और Inverter के बीच अंतर –
ज्यादतर लोग यूपीएस और इन्वर्टर को एक ही समझते है जबकि ये दोनों अलग-अलग डिवाइस होती है. इनके मध्य अंतर को नीचे टेबल में दिया है.
UPS | Inverter |
यूपीएस एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो बिजली चले जाने पर बिजली प्रदान करता है. | इन्वर्टर एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट है जो DC को AC में बदलता है. |
यूपीएस के भाग हैं:- rectifier, battery, inverter और switch. | इन्वर्टर के दो प्रमुख भाग होते हैं:- इन्वर्टर सर्किट और बैटरी. |
यह AC को DC में और DC को AC में बदलता है. | यह केवल DC को AC में बदलता है. |
इसके तीन प्रकार होते हैं:- Offline यूपीएस, Online यूपीएस और इंटरैक्टिव यूपीएस. | इसके सिर्फ दो प्रकार होते हैं:- स्टैंडबाई इन्वर्टर, और ग्रिड टाई इन्वर्टर. |
यह 10 से 20 मिनट का बैकअप देता है. | यह 24 घंटे तक का बैकअप दे सकता है. |
इसका सर्किट बहुत complex (जटिल) होता है. | इसका सर्किट सरल होता है. |
UPS के फेज
इसके दो phases होते है :-
1- Single-phase UPS
सिंगल-फेज यूपीएस वह यूपीएस होता है जिसमे सिंगल इनपुट और आउटपुट होता है। सिंगल फेज यूपीएस में सर्किट को पूरा करने के लिए केवल कंडक्टर और न्यूट्रल वायर की आवश्यकता पड़ती है। इस यूपीएस का इस्तेमाल ज्यादातर उन डिवाइसों में किया जाता है जिनमे तीन-पिन प्लग लगे होते है।
2- Three-Phase UPS
थ्री फेज यूपीएस में तीन कंडक्टर और एक तटस्थ तार (neutral wire) की आवश्यकता पड़ती है। यह थ्री फेज आउटपुट को सपोर्ट करता है। थ्री फेज यूपीएस लिफ्ट , पंप और पंखो जैसे डिवाइसों की सुरक्षा करता है।
UPS के विकल्प
यूपीएस के स्थान पर हम नीचे दिए गये विकल्पों का भी उपयोग कर सकते है,
1- Generator (जनरेटर)
जनरेटर UPS का एक विकल्प है जिसका उपयोग मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट करने के लिए किया जाता है। मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदलने वाली प्रक्रिया को dynamo कहा जाता है। जेनेरेटर का इस्तेमाल ज्यादातर ऑटोमोबाइल, विमान, जहाज आदि जैसे डिवाइसों को बिजली देने के लिए किया जाता है।
2- Surge Protector (सर्ज प्रोटेक्टर)
यह एक प्रकार का डिवाइस है जिसका उपयोग पावर सर्ज और वोल्टेज स्पाइक्स के दौरान बिजली के उपकरणों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है।
3- Power Inverter (पॉवर इन्वर्टर)
पॉवर इन्वर्टर का उपयोग ऑटोमोबाइल में किया जाता है। पावर इन्वर्टर का मुख्य कार्य डायरेक्ट करंट (DC) को अल्टरनेटिंग करंट (AC) में बदलना है।
4- Automatic Surge Protector (आटोमेटिक सर्ज प्रोटेक्टर)
इस डिवाइस का उपयोग ओवर-वॉल्टेज की स्थिति से बचाने के लिए उपयोग किया जाता है।
जब बिजली गुल हो जाती है तो क्या होता है?
कल्पना करें कि ग्रिड अब उपलब्ध नहीं है या वोल्टेज स्वीकार्य गुणवत्ता सीमा के भीतर नहीं है; करंट प्रवाह बदल रहा है। इस मामले में, इन्वर्टर को बैटरी द्वारा प्रदान की गई डीसी वोल्टेज द्वारा संचालित किया जाएगा। इन्वर्टर आउटपुट अपरिवर्तित रहेगा और इसलिए सिस्टम से जुड़ा इलेक्ट्रिक चार्ज बिना किसी रुकावट के काम करना जारी रखेगा।
स्वायत्तता समय, या वह समय जिसके दौरान बैटरियाँ सिस्टम को आपूर्ति कर सकती हैं, उपकरण द्वारा आपूर्ति किए गए चार्ज और बैटरी की क्षमता द्वारा आवश्यक खपत पर निर्भर करेगा। जब मुख्य आपूर्ति वोल्टेज बहाल हो जाता है, यानी अनुमत सहनशीलता के भीतर एक मूल्य तक पहुँच जाता है, तो रेक्टिफायर संचालन फिर से शुरू कर देता है और सामान्य संचालन बहाल हो जाता है।
बैटरियां, विद्युत की अनुपस्थिति में होने वाले डिस्चार्ज से रेक्टिफायर/चार्जर द्वारा आपूर्ति की गई डीसी वोल्टेज के माध्यम से पुनः चार्ज होकर उबरती हैं।
आशा है आपको UPS की यह पोस्ट पसंद आई होगी अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।
इसे भी पढ़ें