हैलो दोस्तो आज के पोस्ट में हम Computer Network के वाले में पढेगे तो आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।
Computer Network क्या होता है।
नेटवर्क शब्द का अर्थ होता है आपस में जुड़ाव रखना, दूसरे शब्दो में कहें तो जब दो या उस से अधिक कंप्यूटर या फिर अन्य किसी कंप्यूटर हार्डवेयर को आपस में जोड़ा जाता है, और वे एक दूसरे के साथ डाटा Share कर सकते हैं, तो इस तकनीक को Computer Network कहा जाता है।
कंप्यूटर को आपस में जोड़ने के लिए (Cabling) की जाती है, और आमतौर पर इसके लिए (Ethernet Cable) या (Optical Fiber) केबल का इस्तेमाल किया जाता है, साथ ही Wireless यानि Radio Waves के द्वारा भी हम कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ सकते हैं।
आपस में जुड़े हुवे इन Computer’s द्वारा कई नेटवर्क Resources को Share किया जा सकता है, जैसे Internet, Printer, Scanner, File Server, Software इत्यादि और भी बहुत कुछ। यानि सभी कंप्यूटर आपस में जुड़ कर एक नेटवर्क तैयार करते हैं, जिसे कंप्यूटर नेटवर्क कहा जाता है, और नेटवर्क में जुड़े हर एक कंप्यूटर से अधिक से अधिक काम लिया जा सकता है।
नेटवर्क के इतिहास (History Of Network in Hindi)
नेटवर्क की शुरुआत कई साल पहले 1960 से 1970 के लगभग में हो गई थी उस नेटवर्क का नाम है ARPANET जिसके पूरा नाम – Advanced Research Projects Agency Network के नाम से जानते हैं। शुरुआत में नेटवर्क का मकसद था Terminals और remote job entry station को mainframe के साथ जोड़ने का लेकिन ARPANET में उस वक्त Resource Sharing का कांसेप्ट डालने का साधन नहीं था।
ARPANET उस समय काफी भरोसेमंद हुआ करता था क्योंकि यह packet switching तकनीक का इस्तेमाल किया करता था। circuit switching के स्थान पर, ARPANET को अमेरिका के Defence विभाग में शामिल किया गया। जिससे वह encrypted message भेज सकें। इसको USA के अलग-अलग यूनिवर्सिटी में जोड़ने में मदद मिला। Businessman भी इसका इस्तेमाल करने लगे धीरे-धीरे और Development होता गया और आज की दुनिया में सबसे बड़ा नेटवर्क हो चुका है। जिसको हम लोग Internet के नाम से जानते हैं।
Computer Network के प्रकार (Types of Computer Network)
अलग जगहों के अनुसार अलग-अलग प्रकार के Computer Network होते हैं। एक छोटे से छोटा नेटवर्क एक कमरे से शुरू होकर पूरे वर्ल्ड को कनेक्ट कर सकता है। कंप्यूटर नेटवर्क प्राया 3 तरीके के होते हैं जो इस प्रकार है LAN, MAN और WAN। परंतु इन सब से भी अलग कुछ प्राइवेट नेटवर्क भी होते हैं। जो कि इस प्रकार हैं।
- Local Area Network (LAN)
- Metropolitan Area Network (MAN)
- Wide Area Network (WAN)
- Wireless Local Area Network (WLAN)
- Personal Area Network (PAN)
- Campus Area Network (CAN)
- Storage Area Network (SAN)
1. Local Area Network (LAN)
यह वह नेटवर्क है जो एक छोटे से एरिया में सीमित होता है। यह नेटवर्क एक छोटे से ऑफिस या फिर एक स्कूल में बनाया जा सकता है। दो या दो से अधिक कंप्यूटर को एक ही जगह पर कनेक्ट करने वाले नेटवर्क को लोकल एरिया नेटवर्क कहते हैं। अथवा
यह ऐसा नेटवर्क होता है जो कम दुरी के क्षेत्र को कवर करता है और उस क्षेत्र के सभी कंप्यूटर को आपस में किसी केबल या वायरलेस से जोड़ता है, जिससे एक दुसरे कम्पुटर में डेटा लेन- देन कर साके. यह क्षेत्र एक collage, कम्पनी या किसी बिल्डिंग हो सकते हैं.
2. Metropolitan Area Network (MAN)
यह वह नेटवर्क है। जिसमें बहुत सारे लोकल एरिया नेटवर्क मिलकर एक बड़े नेटवर्क का निर्माण करते हैं। जो आपस में जुड़े हुए होते हैं। इसे हम मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क कहते हैं। इस नेटवर्क का एरिया 10 किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक का हो सकता है। अथवा
जब बहुत सारे Local Area Network अर्थात् LAN किसी नगर या शहर के अन्दर एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं तो इस प्रकार के नेटवर्क को Metropolitan Area Network कहा जाता है। इसे संक्षेप में MAN भी कहते हैं, जिसकी गति 10-100 Mbits/sec होती है। ये काफी महंगे नेटवर्क होते हैं जो fiber optic cable से जुड़े होते हैं। ये Telephone Line या Cable Operator और Microweb Link द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
3. Wide Area Network (WAN)
यह सबसे बड़ा नेटवर्क होता है, जो पुरे दुनिया के कंप्यूटर को आपस में जोड़ते हैं. जिसे हम लोग इन्टरनेट के नाम से भी जानते हैं। दुसरे नेटवर्क के तुलना में इसमें डेटा आदान- प्रदान करने की गति धीमी होती है। इसमें कंप्यूटर को जोड़ने के लिए माइक्रोवेव, satelite इत्यादी का उपयोग करते हैं। अथवा
यह वह नेटवर्क है जो कि भौगोलिक दृष्टि से पूरी पृथ्वी पर स्थित होता है। यह एक देश से दूसरे देश मैं कम्युनिकेशन आसानी से हो सकता है। और यह संचार का एक अच्छा माध्यम है इस नेटवर्क का एरिया सीमित नहीं होता है।
4. Wireless Local Area Network (WLAN)
यह वह नेटवर्क है जिसको हम Wireless Local Area Network एरिया बोलते हैं। इसको बोलने का मुख्य कारण यह है। कि यह बिना वायर के बनाया गया एक बड़ा नेटवर्क होता है। दो या दो से अधिक डिवाइस आपस में आसानी से कनेक्ट किए जा सकते हैं। WLAN फुल फॉर्म Wireless Local Area Network है। अथवा
यह सबसे बड़ा नेटवर्क होता है, जो पुरे दुनिया के कंप्यूटर को आपस में जोड़ते हैं। जिसे हम लोग इन्टरनेट के नाम से भी जानते हैं. दुसरे नेटवर्क के तुलना में इसमें डेटा आदान- प्रदान करने की गति धीमी होती है। इसमें कंप्यूटर को जोड़ने के लिए माइक्रोवेव, satelite इत्यादी का उपयोग करते हैं।
5. Personal Area Network (PAN)
यह वह नेटवर्क है जो कि बहुत ही कम डिस्टेंस में बनाए जाते हैं। इसकी क्षमता और दूरी बहुत ही कम होती है। यह दो व्यक्ति आपस में डाटा ट्रांसफर आसानी से कर सकते हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है ब्लूटूथ। अथवा
छोटी दूरी के लिए उपयोग होने वाला नेटवर्क है, जिसकी क्षमता कम दूरी पर उपस्थित एक या दो व्यक्तियों तक होती है। इसके साथ Telephone, Video Games जैसे Device जुड़े होते है.
6. Campus Area Network (CAN)
यह वह नेटवर्क होते हैं जिसमें कई सारे लाइन नेटवर्क को मिलाकर एक लिमिटेड एरिया वाला नेटवर्क बनाया जाता है। यह एरिया नेटवर्क एक कैंपस का हो सकता है। CAN का फुल फॉर्म Campus Area Network हैं। अथवा
यह एक प्रकार का Multiple local area network के माध्यम से लिमिटेड एरिया में कनेक्ट होता है। जो लिमिटेड एरिया को कवर करता है। इसका उपयोग Offices, School, Colleges में किया जाता है। यह Corporate area network के नाम से भी जाना जाता है। यह सीधे शब्दों में कहें तो यह एक तरह का प्राइवेट नेटवर्क होता है।
7. Storage Area Network (SAN)
वह नेटवर्क होता है जिसमें आप अपने डाटा को बहुत ही तेजी से ट्रांसफर कर सकते हैं। इसको हम हाई स्पीड डाटा ट्रांसफर नेटवर्क कहते हैं। SAN का फुल फॉर्म Storage Area Network है। अथवा
यह नेटवर्क प्रणाली एक प्रकार की High speed transfer प्रणाली कहलाती है इसके माध्यम से किसी भी डाटा को एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए किया जाता है जोकि बहुत जल्द ही कार्य को संपन्न कर देती है Multiple server device के द्वारा एक्सेस किया जाता है इस माध्यम से कभी डिवाइसों पर एक बार में ही डाटा ट्रांसफर हो जाते हैं।
Network Devices (Network में प्रयोग होने वाले Devices)
Signals की वास्तविक शक्ति को बढ़ाने के लिए Networking Devices का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त Network Devices का प्रयोग दो या दो से अधिक Computers को आपस में जोड़ने के लिए भी किया जाता है। कुछ प्रमुख नेटवर्किंग युक्तियाँ निम्न हैं।
- Repeater
- Hub
- Gateway
- Switch
- Router
- Routing Switch
- Bridge
- Modem
1. Repeater
यह एक Electronic Device होता हैं, जो निम्न स्तर (Low level) के Signals को प्राप्त (Receive) करके उन्हें उच्च स्तर का बनाकर वापस भेजते हैं। इस प्रकार Signals लंबी दूरियों को बिना बाधा के लिये कर सकते हैं। Repeater का प्रयोग कमजोर पड़ चुके Signals एवं उनसे होने वाली समस्याओं से बचाता है।
Repeater का प्रयोग नेटवर्क में Computers को एक-दूसरे से जोड़ने वाले Cable की लम्बाई बढ़ाने में किया जाता है। इनकी उपयोगिता सर्वाधिक उस समय होती है, जब Computers को आपस में जोड़ने के लिए काफी लम्बी Cable की आवश्यकता होती हैं।
2. Hub
इसका प्रयोग ऐसे स्थान पर किया जाता है, जहां नेटवर्क की सारी Cable मिलती है। ये एक प्रकार का Repeater होता है जिसमें नेटवर्क चैनलों को जोड़ने के लिए Ports लगे होते हैं। आमतौर पर एक Hub में 4, 8, 16, अथवा 24 Port लगे होते हैं। इसके अतिरिक्त Hub पर प्रत्येक Port के लिए एक Indicator Light (Light Emitting Diode-LED) लगी होती है। जब Port से जुड़ा computer ON होता है तब लाइट जलती रहती है।
Hub में Computers को जोड़ना अथवा Hubs को आपस में जोड़ना या हटाना बहुत सरल होता है। एक बड़े Hub में करीब 24 Computers को जोड़ा जा सकता है। इससे अधिक Computers को जोड़ने के लिए एक अतिरिक्त Hub का प्रयोग किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में (दो या अधिक Hubs को आपस में जोड़ना) को Daisy Chaining कहते हैं।
3. Gateway
यह एक ऐसी युक्ति है, जिसका प्रयोग दो विभिन्न network protocol को जोड़ने के काम आता है। इन्हें प्रोटोकॉल परिवर्तक (Protocol converters) भी कहते हैं। ये firewall की तरह कार्य करते हैं।
4. Switch
यह वे Hardware होते हैं जो विभिन्न Computers को एक LAN में जोड़ते हैं। स्विच को Hub के स्थान पर उपयोग किया जाता है। Hub तथा Switch के मध्य एक महत्वपूर्ण अंतर यह है, कि Hub स्वयं तक आने वाले डेटा को अपने प्रत्येक Port पर भेजता है, जबकि Switch स्वयं तक आने वाले डेटा को केवल उसके गन्तव्य स्थान (Destination) तक भेजता है।
5. Router
इसका प्रयोग नेटवर्क में डेटा को कहीं भी भेजने में करते हैं, इस प्रक्रिया को Routing कहते हैं। Router एक Junctions की तरह कार्य करते हैं। बड़े नेटवर्कों में एक से अधिक रूट होते हैं, जिनके जरिए सूचनाएँ अपने गंतव्य स्थान तक पहुँच सकती है। ऐसे में Routes ये तय करते हैं, कि किसी सूचना को किस रास्ते से उसके गन्तव्य तक पहुँचाना है।
6. Routing Switch
ऐसे स्विच, जिनमें Router जैसी विशेषताएँ होती हैं, Routing Switch कहलाते हैं। ये नेटवर्क के किसी कम्प्यूटर तक भेजी जाने वाली सूचनाओं को पहचान कर, उन्हें रास्ता दिखाते हैं। Routing Switch, सूचनाओं को सबसे सही रास्ता खोजकर उनके गंतव्य स्थान तक पहुँचाता हैं।
7. Bridge
यह छोटे नेटवर्कों को आपस में जोड़ने के काम आते हैं, ताकि ये आपस में जुड़कर एक बड़े नेटवर्क की तरह काम कर सकें। Bridge एक बड़े या व्यस्त नेटवर्क को छोटे हिस्सों में बांटने का भी कार्य करता है। व्यस्त नेटवर्क को तब बाँटा जाता है जब नेटवर्क के एक हिस्से को बाकी हिस्सों से अलग रखा जाना हो।
8. Modem
यह analog signals को digital signals में तथा digital signals को analog signals में बदलता है। एक Modem को हमेशा एक टेलीफोन लाइन तथा कम्प्यूटर के मध्य लगाया जाता है।
Computer Network को समझना (Understanding Computer Networks)
जब अधिकांश लोग कंप्यूटर नेटवर्क के बारे में सोचते हैं तो वे बड़े व्यवसायों के बारे में सोचते हैं। कई लोगों ने साझा इंटरनेट कनेक्शन, साझा फ़ाइलें और यहां तक कि साझा मुद्रण क्षमताओं को सक्षम करने के लिए अपने होम सिस्टम को नेटवर्क किया है।
एक से अधिक कंप्यूटरों के बीच संसाधनों और डेटा को साझा करने की प्रक्रिया को कंप्यूटर नेटवर्किंग कहा जाता है। जब आप कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ते हैं तो वे न केवल इंटरनेट कनेक्शन, प्रिंटर, फैक्स और अन्य घटकों को साझा करने में सक्षम होते हैं बल्कि हार्ड डिस्क पर संग्रहीत फ़ाइलों, चित्रों, गीतों और अन्य डेटा को साझा करने में भी सक्षम होते हैं।
नेटवर्क को एक स्थानीय या छोटे क्षेत्र नेटवर्क में विभाजित किया जा सकता है जैसे लैन नेटवर्क जहां कंप्यूटर एक कार्यालय भवन या घर की जगह के भीतर साझा किए जाते हैं, MAN जहां एक क्षेत्र में दो या दो से अधिक स्थान जुड़े होते हैं और WAN जहां कनेक्ट करने के लिए नेटवर्क बनाया जा सकता है देश में कहीं से भी घर या कार्यालय में।
WAN कनेक्टिविटी के लिए सबसे आम उपयोग है, यह नेटवर्क को दुनिया भर में लाखों कंप्यूटरों से कनेक्ट करने की अनुमति देता है। WAN नेटवर्क दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है और कनेक्शन के माध्यम से यदि एक राउटर और उचित सॉफ्टवेयर चल रहा है तो आप दुनिया में कहीं से भी किसी भी स्थान से कनेक्ट हो सकते हैं।
Computer Network के लाभ
इसका सबसे बड़ा फयदा यह है कि इसके माध्यम से हम किसी से भी आसानी से जोड़ सकते हैं और उसेक साथ आसानी से बात-चित कर सकते हैं वे विडियो, आडियो और टेक्स्ट के माध्यम हो सकता है.
पहले के युग में किसी दुसरे आदमी तक खबर पहुँचाने में कई महीने लग जाते थे, जबकि आज इस नेटवर्क की मदद से एक सेकंड में खबर को पहुंचाया जा सकता है।
इस नेटवर्क की मदद से बिज़नस में बड़ी वृद्धि देखने को मिल रहा है, क्योंकि अब कोई भी व्यापरी अपने प्रोडक्ट को कम समय में कई लोगों के सामने पहुंचाया जा सकता है, जबकि पहले ऐसा संभव नहीं था।
नेटवर्क टेक्नोलॉज से शिक्षा के क्षेत्र में भी बदलाव आया है जैसे पहले के समय में कोई भी जानकारी लेने के लिए या पड़ाई करने के लिए, घर से हॉस्टल जैसे से दूर जगह में रहना होता था, जबकि अब मोबाइल से भी पड़ाया जा सकता है और ये संभव हुआ नेटवर्क की वजह से
Computer Network के हानि
किसी भी नेटवर्क (lan, man, wan) को बनना आसान नहीं है और ये नेटवर्क को बनाना सभी लोगों की बस की बात नहीं है नेटर्वक को बानने के लिए नेटवर्क के बारे में डिग्री के साथ-साथ अनुभव की आवश्यकता होती है।
नेटवर्क को बानने के लिए कई सार उपकरण की आवश्यकता होता है जैसे ईथरनेट केबल, नेटवर्किंग डिवाइस, टावर इत्यादि और wan, man जैसे नेटवर्क को बानने में कई दिन लग जाते हैं।
नेटवर्क की मदद किसी भी कम्पनी का डेटा कोई भी हैकर दुसरे स्थान में बैठ कर आसानी से चुरा सकता है और कम्पनी को कुछ ही समय में नुकसान पहुंच्या जा सकता है।
मोबाइल से पड़ने के लिए कई सरे स्टूडेंट के पास मोबाइल होता जिससे वे ऑनलाइन पड़ सके, लेकिन इसका गलत असर भी स्टूडेंट पर पड़ रहा है वे गेम,गलत विडियो देखने में समय ख़राब कर देते हैं। जिससे उनकी शिक्षा के जीवन में नकरात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
आशा है आपको Computer Network की पोस्ट आपने पूरी जरूर पढ़ी होगी पोस्ट पसंद आई हो तो दोस्तो के साथ भी शेयर करे।
इसे भी पढ़े।