Insulator की परिभाषा और प्रकार

नमस्कार दोस्तों आज की पोस्ट में हम Insulator की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।

पिछली पोस्ट में हमने Transformer की जानकारी शेयर की थी तो उस आर्टिकल को भी पढ़े।

चलिए आज हम Insulator की परिभाषा और प्रकार की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

विद्युतरोधी (Insulator) क्या होता हैं

वे पदार्थ होते हैं जो तुलनात्मक रूप से विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करते हैं या जिनमें से होकर समान स्थितियों में बहुत कम धारा प्रवाहित होती है। लकड़ी (सूखी हुई), बैकेलाइट, एस्बेस्टस, चीनी मिट्टी, कागज, पीवीसी आदि कुचालकों के कुछ उदाहरण हैं।

वैद्युत प्रौद्योगिकी में जिस तरह सुचालकों, अर्धचालकों एवं अतिचालकों के विविध उपयोग हैं, उसी प्रकार कुचालकों के भी विविध प्रकार से उपयोग किये जाते हैं।

ये सुचालक तारों के ऊपर चढ़ाये जाते हैं; विद्युत मशीनों के वाइंडिंग में तारों की परतों के बीच उपयोग किये जाते हैं; उच्च वोल्टता की लाइनों को खम्भों या तावरों से आश्रय देने (लटकाने/झुलाने) आदि विविध कामों में प्रयुक्त होते हैं।

  • विद्युतरोधी वे पदार्थ होते हैं जो बाह्य विद्युत् क्षेत्र लगाये जाने पर अपने में से विद्युत् धारा को बहने नहीं देते।
  • विद्युतरोधी में मुक्त इलेक्ट्रॉनों का अभाव रहता है।
  • Insulator के इलेक्ट्रॉन मूल नाभिक से दृढतापूर्वक बँधे रहते हैं।
  • अत: बाह्य विद्युत् क्षेत्र लगाने पर गतिशील नहीं हो पाते।
  • लकड़ी, रबर, काँच आदि विद्युत्रोधी हैं।
  • जब किसी चालक को रगड़ा जाता है, तो रगड़ने से उत्पन्न आवेश शरीर से होता हुआ पृथ्वी में चला जाता है।
  • अत: चालक को रगड़ने पर उसमें कोई आवेश उपस्थित नहीं रहता।
  • फलस्वरूप 18वीं शताब्दी के पहले चालकों को अविद्युतीय (Non-Electric) कहा जाता था।

इसके विपरीत जब विद्युत्रोधी को रगड़ा जाता है तो रगड़ने से उत्पन्न आवेश उसमें विद्यमान रहता है।

चालक तथा विद्युत रोधी की परिभाषा

जो पदार्थ आसानी से अपने में से होकर विद्युत को प्रवाहित होने देते हैं उन्हें चालक कहते हैं।

जैसे :- धातुएँ, मानव तथा जंतु शरीर और पृथ्वी चालक हैं।

काँच, पॉर्सेलेन, प्लास्टिक, नॉयलोन, लकड़ी जैसी अधिकांश अधातुएँ अपने से होकर प्रवाहित होने वाली विद्युत पर उच्च प्रतिरोध लगाती हैं। इन्हें विद्युतरोधी कहते हैं।

जब हम किसी आवेशित वस्तु को पृथ्वी के संपर्क में लाते हैं तो उसका अतिरिक्त आवेश जोड़ने वाले चालक (जैसे हमारा शरीर) में से होते हुए क्षणिक विद्युत धारा उत्पन्न करके भूमि में चला जाता है। आवेशों के भूमि के साथ बंटन की इस प्रक्रिया को भूसंपर्कण (भूसंपर्कित करना) कहते हैं।

भूसंपर्कण विद्युत परिपथों एवं अनुप्रयुक्तियों की सुरक्षा के लिए की गई एक व्यवस्था है। धातु की एक मोटी प्लेट को भूमि में गहराई तक गाड़ा जाता है तथा इस प्लेट से मोटे तारों को निकालकर भवनों में इन तारों का उपयोग मुख्य आपूर्ति के निकट भूसंपर्कण के लिए किया जाता हैं।

एक तीसरी श्रेणी जिसे अर्धचालक कहते हैं, आवेशों की गति में अवरोध उत्पन्न करती है। इस अवरोध का परिमाण चालकों तथा विद्युतरोधियों के मध्यवर्ती होता है।

विद्युतरोधी के प्रकार 

  1. निगड़ या पाश विद्युतरोधी (Shackle Insulator)
  2. किली या धुरा विद्युतरोधी (Pin or Spindle Insulator)
  3. निलम्बन विद्युतरोधी (Suspension Insulator)
  4. विकृति विद्युतरोधी (Strain Insulator)

1. निगड़ या पाश विद्युतरोधी (Shackle Insulator)

shackle type insulator मुख्यतः 3 phase, 4- wire system या 440V तक की निम्न वोल्टेज वाली शिरोपरि लाइन में प्रयोग किये जाते है।

insulator लाइनो के प्रारम्भिक शिरे अंतिम सिरे  या लाइनो के किसी भी कोण पर विचलन की अवस्थाओ में सरलता से प्रयोग किये जा सकते है।

insulator के उच्च बिंदु पर बने खाचो में  चालक तार को 14.5 S.W.G (Standard Wire Gauge) वाले तार द्वारा बांध दिए जाते है।

2. किली या धुरा विद्युतरोधी (Pin or Spindle Insulator)

इस प्रकार के insulator मुख्यतः 11kv वाले वितरण लाइनो में प्रयोग किये जाते है इस प्रकार के insulator में विद्युत रोधी पदार्थ एक इस्पात की कील से संयोजित रहता है।

इस्पात के किल को पोल  के  crass arm पर संयोजित किया जाता है पिन इंसुलेटर के ऊपरी सिरे पर बने खाचो में चालक को 14 S.W.G. तार से बांध दिया जाता है।

पिन इंसुलेटर प्राय: पार्सिलीन का बना होता है। इस विद्युतरोधक के ऊपरी उभरे भाग में एक खाँचा (Groove) होता है।

3. निलम्बन विद्युतरोधी (Suspension Insulator)

इस प्रकार के इंसुलेटर प्रायः 33kv से अधिक उच्च वोल्टेज वाली संचरण लाइनों में प्रयोग किए जाते हैं यह इंसुलेटर विद्युत रोधक disk को एक दूसरे से जोड़कर बनाई जाती है।

Suspension टाइप इंसुलेटर में प्रत्येक disk का अधिकतम वोल्टेज 11 kv तक सीमित होता है| विद्युत रोधक डिस्क की संख्या  संचरण लाइन की क्षमता के अनुसार होती है के अनुसार होती है सस्पेंशन टाइप इंसुलेटर का प्रयोग संचरण लाइनों की एक सीधी दिशा में होने पर करते हैं। 

4. विकृति विद्युतरोधी (Strain Insulator)

strain इंसुलेटर संचरण लाइनों के  कोणीय विचलन लाइनों  के प्रारंभिक बिंदु लाइनों के अंतिम बिंदु, रेलवे लाइनों के क्रॉसिंग, हाईवे क्रॉसिंग नदियों इत्यादि स्थानों पर प्रयोग किया जाता है

क्योंकि इन स्थानों पर  संचरण लाइनों में तनाव अधिक होते हैं जिससे इन स्थानों पर अधिक   तनाव क्षमता वाले strain इंसुलेटर का प्रयोग किया जाता है।

इन स्थानों पर लाइनों में sag का मान निम्न होना चाहिए इसलिए निम्नतम sag  वाले स्थानों पर strain इंसुलेटर का प्रयोग किया जाता है।

तनाव को सहन करने हेतु  कई विद्युत रोधक disk एक दूसरे से  ऊर्ध्वाधर में संयोजित की जाती है  इन इंसुलेटर का प्रयोग उच्च वोल्टेज वाली लाइनों,विद्युत उपकेंद्रों के प्रारंभिक बिंदु इत्यादि स्थानों पर किया जाता है। 

विद्युत चालकता क्या हैं

पदार्थों द्वारा विद्युत धारा संचालित करने की क्षमता के माप को विद्युत चालकता (Electrical conductivity) या विशिष्ट चालकता (specific conductance) कहते हैं।

जब किसी पदार्थ से बने किसी ‘चालक’ के दो सिरों के बीच विभवान्तर आरोपित किया जाता है तो इसमें विद्यमान घूम सकने योग्य आवेश प्रवाहित होने लगते हैं जिसे विद्युत धारा कहते हैं।

आंकिक रूप से धारा घनत्व तथा विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के अनुपात को चालकता (σ) कहते हैं। अर्थात – विद्युत चालकता के व्युत्क्रम (reciprocal) राशि को विद्युत प्रतिरोधकता (ρ) कहते हैं

जिसकी SI इकाई सिमेन्स प्रति मीटर (S·m-1) होती है। विद्युत चालकता के आधार पर पदार्थों को कुचालक, अर्धचालक, सुचालक तथा अतिचालक आदि कई वर्गों में बांटा जाता है

जिनका अपना-अपना महत्व एवं उपयोग होता है चालकता (Conductance) जिस प्रकार प्रतिरोध, विधुत धारा प्रवाह का विरोध करता है उसी प्रकार चालकता प्रतिरोध के प्रभाव के विपरीत है, परंतु चालकता विधुत धारा प्रवाह को सुगमता प्रदान करती है। 

FAQ

Q.1 एक इन्सुलेटर की परिभाषा क्या है?

Ans. वे सामग्रियां जो बिजली को अपने अंदर से गुजरने नहीं देतीं, इंसुलेटर कहलाती हैं। इंसुलेटर विद्युत प्रवाह का विरोध करते हैं और इसलिए उनका उपयोग बिजली के खतरनाक प्रभावों से सुरक्षा के रूप में किया जाता है। इंसुलेटर के उदाहरण कांच, वायु, लकड़ी, प्लास्टिक और रबर हैं।

Q.2 इंसुलेटर का उदाहरण क्या है?

Ans. लकड़ी (सूखी हुई), बैकेलाइट, एस्बेस्टस, चीनी मिट्टी, कागज, पीवीसी आदि कुचालकों के कुछ उदाहरण हैं।

Q.3 इंसुलेटर क्या है और इसके प्रकार?

Ans. वे सामग्रियां जो बिजली को अपने अंदर से गुजरने नहीं देतीं, इन्सुलेटर कहलाती हैं। 

Q.4 इंसुलेटर का नाम क्या है?

Ans. रबर, कागज, कांच, लकड़ी, हीरा और प्लास्टिक

Q.5 इंसुलेटर का उपयोग कहां किया जाता है?

Ans. इंसुलेटर का उपयोग विद्युत उपकरणों में विद्युत कंडक्टरों को बिना करंट प्रवाहित किए उन्हें सहारा देने और अलग करने के लिए किया जाता है। 

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