हैलो दोस्तो जैसा कि आप जानते ही होंगे कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का एक संयोजन होता है ये दोनों आपस में मिलकर ही एक कंप्यूटर सिस्टम का निर्माण करते हैं कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर भी अनेक प्रकार के होते हैं जिनके बारे में हम आपको अपने पिछले पोस्ट में बता चुके हैं।
आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कंप्यूटर के सबसे महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर System Software के बारे में बताने वाले हैं आपमें से शायद कुछ लोगों ने पहले इसका नाम भी सुना होगा पर क्या आप जानते हैं System Software क्या है इन हिंदी, सिस्टम सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं और सिस्टम सॉफ्टवेयर के क्या काम हैं।
अगर आप सिस्टम सॉफ्टवेयर के बारे में ऊपर पूछी गयी चीजों के बारे में जानकारी नहीं है तो आज का यह पोस्ट आपके लिए बहुत Important साबित होने वाला है इस पोस्ट में हमने आपको सिस्टम सॉफ्टवेयर किसे कहते हैं के बारे में पूरी जानकारी दी है।
कंप्यूटर में हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को मैनेज करने का कार्य सिस्टम सॉफ्टवेयर का होता है। Operating System (OS) सिस्टम सॉफ्टवेयर का एक बढ़िया उदाहरण है। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर को संचालित करने के साथ – साथ कंप्यूटर के सभी Program को Manage भी करता है।
- सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है (What is System Software)
- सिस्टम सॉफ्टवेयर का इतिहास (History of System Software)
- System Software की परिभाषा (Definition Of System Software)
- सिस्टम सॉफ्टवेयर के कार्य (Work of System Software In Hindi)
- सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types of System Software)
- सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में अंतर
सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है (What is System Software)
सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) ऐसे कंप्यूटर प्रोग्राम को कहा जाता है जो कंप्यूटर के हार्डवेयर को मैनेज करते हैं और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को संचालित करते हैं।सिस्टम सॉफ्टवेयर की मदद से ही कंप्यूटर काम करने योग्य बन पाता है। ये बेजान हार्डवेयर में जान डालते हैं।
System Software के कारण ही कंप्यूटर अपना कार्य कर पाता है, अगर सिस्टम सॉफ्टवेयर नहीं होते हैं कंप्यूटर पर किसी भी कार्य को करना नामुमकिन था। कंप्यूटर के On होने तथा उसमें काम करने से लेकर Off होने तक सभी को सिस्टम सॉफ्टवेयर नियंत्रित करते हैं। कंप्यूटर को मैनेज करने के साथ ही System Software कंप्यूटर और यूजर के बीच में Interface की तरह काम करते हैं।
कुछ सिस्टम सॉफ्टवेयर को यूजर सीधे उपयोग कर सकता है लेकिन कुछ सिस्टम सॉफ्टवेयर Background में काम करते हैं. सिस्टम सॉफ्टवेयर के मदद से ही यूजर हार्डवेयर से Interact कर सकता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर का इतिहास (History of System Software)
सिस्टम सॉफ्टवेयर के इतिहास और इसके विकास का उन्नीसवीं सदी के शुरुवाती दौर में पता लगाया जा सकता है। सन 1850 के दशक में चार्ल्स बैबेज (कंप्यूटर के जनक) द्वारा पहली बार विकसित की गई “स्टोर प्रोग्राम कांसेप्ट” का उपयोग करने के लिए सभी कंप्यूटर सिस्टम को डिज़ाइन किया गया है ।
यह 1940 के दशक के मध्य तक यह अवधारणा लुप्त हो गई, जब आधुनिक कंप्यूटरों ने अपनी उपस्थिति को दर्ज कराई। आज, जटिल और असंख्य कार्यों को कंप्यूटर निष्पादन कर सकता है, इसलिए सॉफ्टवेयर के प्रकारों में अंतर हो गया है।
सन 1940 के दशक के अंत में, कंप्यूटिंग के प्रारंभिक दिनों में, अधिकांश Application software कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं द्वारा उनके विशिष्ट हार्डवेयर और आवश्यकताओं के अनुसार कस्टम-लिखित सॉफ्टवेयर होते थे। सिस्टम सॉफ़्टवेयर की सप्लाई आमतौर पर कंप्यूटर हार्डवेयर के निर्माता द्वारा की जाती थी और इसका उद्देश्य उस कंप्यूटर सिस्टम के अधिकांश या सभी उपयोगकर्ताओं द्वारा उपयोग किया जाना था।
कंप्यूटर सिस्टम सॉफ्टवेयर के बारे में सबसे पहला सिद्धांत, कंप्यूटर के निर्माण होने से पहले, कंप्यूटर वैज्ञानिक Alan Turing ने अपने 1935 के एक निबंधमें On Computable Numbers निर्णय समस्या के लिए एक आवेदन के साथ प्रस्तावित किया था। कंप्यूटर विज्ञान यानी कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर का सैद्धांतिक अध्ययन करना होता है, जबकि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के विकास के लिए इंजीनियरिंग सिद्धांतों का अनुप्रयोग होता है।
System Software की परिभाषा (Definition Of System Software)
“सिस्टम सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर सिस्टम का प्रबंधन और नियंत्रण करता है अर्थात सिस्टम सॉफ्टवेयर ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो कंप्यूटर में हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को कंट्रोल करता है
सिस्टम सॉफ्टवेयर ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो कंप्यूटर में हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को Control करता है
सिस्टम सॉफ्टवेयर के कार्य
वैसे तो System Software के बहुत से features होते हैं, वहीँ चलिए हम निचे उनके कुछ महत्वपूर्ण features के विषय में जानेंगे।
- ये System के बहुत ही निकट (Close) होते हैं।
- ये बहुत ज्यादा Fast होते हैं, अगर हम इनकी speed की बात करें तब।
- इन्हें design करना बहुत ही Difficult होता है।
- साथ ही इन्हें समझना भी उतना ही Difficult होता है।
- ये बहुत की कम interactive होते हैं।
- इनकी size बहुत ही छोटी होती है।
- इन्हें manipulate करना भी बहुत ही Difficult होता है।
- अक्सर इनके programs को low-level language में लिखा गया होता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types of System Software)
कंप्यूटर के सभी मूल और आवश्यक कार्यों को सिस्टम सॉफ्टवेयर द्वारा प्रबंधित किया जाता है। वे डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS), यूटिलिटी सॉफ्टवेयर, फ़ाइल मैनेजमेंट और ऑपरेटिंग सिस्टम का भी प्रबंधन भी करते हैं। सिस्टम सॉफ्टवेयर अपने कार्य के हैउसब से वर्गीकृत किआ जाता है सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रकार हैं।
- Operating system
- Device Drivers
- Firmware
- BIOS and UEFI
- Programming Language Translator
- Utilities
1- Operating system
सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रकार में ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) एक प्रकार का सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर हार्डवेयर, एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर और एंड-यूजर्स के बीच इंटरैक्ट करने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पहले से इनस्टॉल होता है और यह कंप्यूटर या मोबाइल में स्थापित नहीं होने से उपकरण काम नहीं करता है। जब आप सिस्टम को शुरू करते हैं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पर ओएस लोड होने वाली पहली चीज होती है।
ऑपरेटिंग सिस्टम वे सॉफ्टवेयर होते है जो कंप्यूटर सिस्टम में एक यूजर फ्रेंडली प्लेटफार्म प्रदान करने का काम करता है तथा यूजर के आदेश (कमांड) को कंप्यूटर तक और कंप्यूटर से आ रही परिणाम को यूजर तक पहुँचाने का काम करता है। वास्तव में ऑपरेटिंग सिस्टम ही होता है जो हार्डवेयर से डायरेक्ट कम्युनिकेशन स्थापित करता है तथा यूजर और कंप्यूटर के बीच तालमेल बनाने का काम करता है।
2- Device Drivers
डिवाइस ड्राईवर किसी विशेष हार्डवेयर डिवाइस (माउस, कीबोर्ड, प्रिंटर, मॉनिटर, ग्राफ़िक कार्ड इत्यादि) तथा ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ कम्यूनिकेट करने के लिए इनस्टॉल किये जाते है। यह भी एक छोटा सा कंप्यूटर प्रोग्राम ही होता है जो किसी खास डिवाइस के बारे में ऑपरेटिंग सिस्टम को जानकारी देने के लिए तथा ऑपरेटिंग सिस्टम और उस डिवाइस के बीच में तालमेल बनाने के लिए इनस्टॉल किया जाता है। हालाँकि कुछ इम्पोर्टेन्ट डिवाइस जिसकी अनिवार्यता होती है उसकी ड्राईवर ऑपरेटिंग सिस्टम के अन्दर पहले से ही डाले होते है जिसको Plug In करते ही ऑपरेट किया जा सकता है जैसे- Mouse, Keyboard, Monitor etc। इसके अतिरिक्त बहुत सारे ऐसे डिवाइस होते है जिसके लिए अलग से ड्राईवर इनस्टॉल करने की जरुरत पड़ती है तभी वे डिवाइस कंप्यूटर के साथ काम कर पाते है।
3- Firmware
फर्मवेयर एक प्रकार का परिचालन सॉफ्टवेयर होता है जो OS को निश्चित करने के लिए फ्लैश, ROM, EPROM में स्टोर किया जाता है। Firmware निर्देश प्रदान करता है कि कंप्यूटर डिवाइस को कैसे संचालित किया जाना चाहिए। अन्य सॉफ़्टवेयर के विपरीत, Firmware को अंतिम-उपयोगकर्ताओं द्वारा जोड़ तोड़, परिवर्तित या डिलीट किआ नहीं जा सकता है। वे मेमोरी डिवाइस पर बने रहते हैं।
4- BIOS and UEFI
BIOS (Basic Input/Output System) या इससे नया UEFI (Unified Extended Firmware Software) कंप्यूटर सिस्टम को चालू करने पर शुरू हो जाता है। BIOS ऑपरेटिंग सिस्टम और जुड़े हुए उपकरणों के बीच सूचना के प्रवाह का प्रबंधन भी करता है। BIOS कंप्यूटर डिवाइस के सारे उपकरण सेल्फ टेस्ट होते हैं।
5 Programming Language Translator
ये बिच के सिस्टम सॉफ्टवेयर होते हैं जिसके माध्यम से प्रोग्रामर high-level language प्रोग्रामिंग कोड को machine-level language कोड में परिवर्तित करते हैं। असेंबलर, इंटरप्रेटर और कंपाइलर जैसे सॉफ्टवेयर लोकप्रिय Language Translator हैं। यह आमतौर पर कंप्यूटर निर्माता द्वारा डिज़ाइन किए जाते हैं और सिस्टम के साथ इनबिल्ट होकर आते हैं।
6 Utilities
Utilities सिस्टम सॉफ्टवेयर के एक प्रकार हैं जो उपयोगकर्ता और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर के बीच मौजूद होते हैं। ये कंप्यूटर के कामों को कॉन्फ़िगर करने, विश्लेषण करने, उसे ऑप्टिमाइज़ करने और बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किए गए प्रोग्राम होते हैं। उनका डिस्क फ्रेगमेंटेशन से लेकर डेटा सिक्योरिटी तक भिन्न प्रकार का कार्य होता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में अंतर
सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में अंतर की बात करें तो इन दोनों के बीच कई सारे अंतर है जो निम्नलिखित है
सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के हार्डवेयर को मैनेज करने का काम करता है तथा कंप्यूटर मशीन को यूजर फ्रेंडली बनाने का काम करता है जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर यूजर के किसी विशिष्ट कार्यों को करने के लिए बनाया जाता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर का सम्बन्ध सीधे हार्डवेयर से रहता है जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का सम्बन्ध हार्डवेयर से नहीं बल्कि इसका सम्बन्ध सिस्टम सॉफ्टवेयर से रहता है, सीधे तोर पर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का हार्डवेयर से कोई लेना देना नहीं होता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर यूजर के लिए एक यूजर फ्रेंडली प्लेटफार्म देने का काम करता है जिसपर अलग-अलग तरह के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को स्थापित (Install) किये जाते है और चलाये जाते है जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर किसी कार्य विशेष को ध्यान में रखकर बनाया जाता है इसलिए यह किसी कार्य विशेष के लिए स्पेसिफिक टूल तथा आप्शन के साथ हमारे सामने एक विंडो के रूप में हमारे प्रस्तुत होता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर आमतोर पर Low Level Language का उपयोग करके विकसित किये जाते है जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर High Level Language का उपयोग करके बनाये जाते है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर के बगैर कंप्यूटर पर कोई भी कार्य कर पाना संभव नहीं नहीं जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बगैर कंप्यूटर के कार्य कर पाना तो संभव है पर वो कार्य कर पाना संभव नहीं है जिस कार्य को करने के लिए किसी विशेष एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की जरुरत पड़ती हो।
सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के स्टार्ट होते ही स्वतः अपना कार्य प्रारंभ कर देते है और ये जरुरी भी है जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को स्वतः स्टार्ट होने की जरूरत नहीं है इसे जरुरत पड़ने पर मनुअली स्टार्ट करना होता है तब यह अपना कार्य प्रारंभ करते है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर को स्थापित करना अनिवार्य होता है जबकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर अनिवार्य नहीं होते है बल्कि इसे अपनी जरुरत के अनुसार स्थापित करते है।
आशा है आपने system software की पोस्ट पूरी जरूर पढ़ ली होगी पोस्ट पसंद आई तो पोस्ट साथ भी शेयर करे।
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