Active और Passive Component किसे कहते है और इसके प्रकार

हैलो दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम पढ़ने वाले हैं Active और Passive component क्या होता हैं Active और Passive component किसे कहते है। और इसके प्रकार क्या है कि समस्त जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलेगी तो आप आर्टिकल को पूरा जरूर पढें।

पिछले पेज पर हम डायोड की परिभाषा, प्रकार एवं कार्य की जानकारी पढ़ने वाले हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए। चलिए आज हम Active और Passive Component की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

Electronic Component के प्रकार 

किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस का उपयोग किया जाता है। यदि ये सभी इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस आइडियल अर्थात आदर्श कॉम्पोनेन्ट होते तब इनका आंतरिक प्रतिरोध शून्य होता लेकिन ऐसा नहीं होता है। 

इलेक्ट्रिकल सर्किट में लगे इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस दो प्रकार से काम करते है। इनमे कुछ कॉम्पोनेन्ट ऐसे होते है जो इलेक्ट्रिकल एनर्जी source से इलेक्ट्रिकल एनर्जी को परिपथ में नियंत्रित रूप से प्रवाहित करते है 

जबकि कुछ ऐसे कॉम्पोनेन्ट होते है जो इस विधुत उर्जा (electrical energy) का उपयोग करते है। परिपथ में विधुत उर्जा प्रवाहित करने तथा उपभोग करने के आधार पर कॉम्पोनेन्ट को दो भागों में बाटा गया है जो निम्न प्रकार है :-

  1. Active Component
  2. Passive Component

Active Component क्या होता है

ऐसे कॉम्पोनेन्ट जिनको कार्य करने के लिए बाहिये ऊर्जा स्रोत की आवश्कता होती है और जो कॉम्पोनेन्ट की सिग्नल की पावर को बढा भी सकते है। Active Components कहलाते है।

या

वो इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट जो विधुत परिपथ में संचालित होने के लिए बाहर से विधुत उर्जा ग्रहण करते है एक्टिव कॉम्पोनेंट कहलाते है। 

इन्हें हिंदी में सक्रिय घटक कहा जाता है। सक्रीय घटक विधुत परिपथ में विधुत उर्जा की आपूर्ति करते है। ये विधुत परिपथ में आवेश प्रवाह को नियंत्रित करने में सक्षम होते है।

जैसे ट्रांजिस्टर से एमिटर तथा कलेक्टर के बीच विधुत धारा का प्रवाह तब नहीं होता है जब तक बेस से एक निश्चित मात्रा का विधुत धारा प्रवाहित नहीं होता है। 

प्रत्येक विधुत परिपथ में कम से कम एक एक्टिव कॉम्पोनेन्ट जरुर होता है। कुछ एक्टिव कॉम्पोनेन्ट के उदहारण निचे दिए गए है :

  • Voltage source
  • Electrical current source
  • Transistors
  • MOSFET
  • Integrated circuit
  • LED
  • विभिन्न प्रकार के डायोड जैसे Tunnel Diode और 
  • सेमीकंडक्टर से बनी कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस।

Active Component का उपयोग

एक्टिव कॉम्पोनेन्ट का उपयोग निम्न स्थानों पर किया जाता है।

  • Diode का उपयोग AC से DC कनवर्टर के अतिरिक्त फ्रीव्हीलिंग डायोड के रूप में भी किया जाता है। 
  • ट्रांजिस्टर का उपयोग आवर्धक तथा इन्वर्टर में स्विचिंग के रूप में किया जाता है। 
  • मोटर के स्पीड नियंत्रक में SCR का उपयोग किया जाता है। 
  • DIAC TRIAC जैसे सेमीकंडक्टर का उपयोग लाइट डिमर परिपथ में किया जाता है।  

Passive Component क्या होता है

ऐसे कॉम्पोनेन्ट जिन्हें कार्य करने के लिए बाहिये ऊर्जा स्रोत की आवश्यकता नही होती है और ये किसी भी सिग्नल को एम्प्लीफाई नही कर सकते अर्थात ये किसी भी सिंग्नल की पावर को नही बढा सकते Passive Components कहलाते है। 

या

वो इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट जो विधुत परिपथ में विधुत उर्जा को प्राप्त करने के बाद या तो उसका उपभोग करते है या चुम्बकीय या विधुत क्षेत्र के रूप में संचयन करते है, पैसिव कॉम्पोनेन्ट कहलाते है। 

इन्हें हिंदी में अक्रिय घटक कहा जाता है। अक्रिय घटक को विधुत परिपथ में संचालित होने के लिए किसी भी प्रकार के विधुत ऊर्जा की जरुरत नहीं पड़ती है।

जैसे किसी रेजिस्टेंस में जैसे ही इलेक्ट्रिक करेंट फ्लो होती है वह कार्य करने लगता है और इससे जब तक विधुत धारा का प्रवाह होता है तब तक उष्मा के रूप में एनर्जी उत्पन्न होती है। कुछ पैसिव कॉम्पोनेन्ट के उदहारण निचे दिए गए है :-

Passive Component का उपयोग 

Passive Component का उपयोग निम्न स्थानों पर किया जाता है :-

  • इलेक्ट्रिक सर्किट में इलेक्ट्रिक करेंट के प्रवाह को रोकने के लिए रेजिस्टेंस का उपयोग किया जाता है। 
  • इलेक्ट्रिक हीटर में भी रेजिस्टेंस का उपयोग किया जाता है। 
  • पॉवर फैक्टर को कंट्रोल करने के लिए कैपासिटर का उपयोग किया जाता है। 
  • Capacitive लोड में पॉवर फैक्टर को कंट्रोल करने के लिए Inductors का उपयोग किया जाता है।

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